सिटी पोस्ट लाइव : इस चिलचिलाती धुप में बिहार में जन सुराज यात्रा पर निकले देश के जानेमाने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के निशाने पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव हैं. बैलेंस साधने के लिए कभी कभार थोडा बहुत बीजेपी पर भी बोल देते हैं.अभी वैशाली जिले में प्रशांत किशोर हैं.बुधवार को उन्होंने कहा कि RJD से ज्यादा अपराध करने वाले और अपराधी लोग देश की किसी पार्टी में नहीं, तेजस्वी यादव को किसी विषय का ज्ञान नहीं है. प्रशांत किशोर ने अपनी जन सुराज पद यात्रा के दौरान वैशाली में एक सभा को संबोधित करते हुए आरजेडी और तेजस्वी के साथ ही शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला बोला. PK ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की बेवकूफी और अहंकार के करना आज सैकड़ों लोग जहरीली शराब के कारण मौत के शिकार हो रहे हैं.
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के भगवानपुर प्रखंड में मीडिया से बातचीत करते हुए पीके ने कहा कि बिहार के लोगों को मूर्ख समझा जाता है, लेकिन क्या तेजस्वी यादव मुझसे अच्छा इंग्लिश, फ्रेंच बोल सकते हैं? प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव हमसे अच्छा भोजपुरी बोलेंगे क्या? लेकिन, तेजस्वी को न इंग्लिश आती है और न ही ठीक से भोजपुरी बोलनी आती है. उन्होंने जीवन में कुछ पढ़ा नहीं है और किसी भी विषय का कोई ज्ञान नहीं है. जनता तेजस्वी से रोजगार के बारे में पूछती है तो वो कहते हैं कि भाजपा को रोको, और यह बोलकर वह लोगों को मुर्ख बनाते हैं. आप कहते हैं कि शराब माफिया और बालू माफिया बहुत ज्यादा हो गए हैं तो तेजस्वी कहते हैं कि जातीय जनगणना करवा रहे हैं. ये काम करते नहीं है बस बहानेबाजी करते रहते हैं.
प्रशांत किशोर ने जातीय जनगणना के सवाल पर कहा कि जनगणना या सर्वे हो जाने मात्र से स्थिति में सुधार नहीं आएगा. दलितों की जनगणना लगातार होती आई है फिर भी दलित आज सबसे बदहाल स्थिति में हैं. बिहार में जनगणना होगी उनमें एक अच्छी बात ये है कि विभिन्न जातियों की स्थितियों की जानकारी मिलेगी.पीके ने सवाल उठाते हुए कहा, बिहार आज देश में सबसे गरीब राज्य है, इसकी जनगणना तो पहले ही हो गई है तो इसमें क्यों सुधार नहीं हो रहा है. यदि जनगणना हो जाने से स्थिति सुधार जाती तो अब तक पूरे भारत में से गरीबी खत्म हो जाती. पीके ने कहा कि जातीय जनगणना के माध्यम से समाज में जातीय विद्वेष फैलाना, लोगों को लड़ाना और एक दूसरे को बांटने का प्रयास है.
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला करते हुए कहा कि जो जनगणना 2011 में हुई है, उस आंकड़े को जारी किया जाना चाहिए, उसमें कोई कमी है तो उस पर चर्चा होनी चाहिए. उसके बाद से नीतीश कुमार भाजपा के साथ सरकार में भी रहे, लेकिन उन्होंने उन आंकड़ों को जारी नहीं किया. किसी ने नीतीश कुमार से पूछा भी नहीं कि ये आंकड़े क्यों जारी नहीं हुए. यदि भाजपा जनगणना के आंकड़े जारी नहीं करने दे रही थी तो नीतीश कुमार ने भाजपा को क्यों नहीं छोड़ा. लेकिन जब भाजपा नीतीश कुमार की जगह नया मुख्यमंत्री बनाने लगी तो भाजपा को छोड़कर जातीय जनगणना कराने जा रहे हैं.प्रशांत किशोर ने कहा, बिहार के जो मुद्दे हैं उन पर नीतीश कुमार काम नहीं कर रहे हैं. बिहार में बच्चों के पढ़ने के लिए व्यवस्था नहीं है, उस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. नीतीश कुमार की बेवकूफी और अहंकार की वजह से आज सैकड़ों लोग जहरीली शराब पीने की वजह से मौत के शिकार रहे हैं.