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पटना। मौसम सर्द है लेकिन बिहार के सियासी गलियारों की गर्मी अपने चरम पर है। आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर भी कई तरह की बातें सामने आईं।
सवाल कई हैं लेकिन जवाब एक का भी नहीं है। बिहार का सियासी ऊंट कब किस करवट बैठेगा किसी को पता नहीं है। बिहार की सियासत की धूरी बने नीतीश कुमार अब भी बीजेपी और आरजेडी की जरुरत बने हुए हैं। दोनों दल चाहते हैं कि नीतीश उनके साथ रहें लेकिन हमेशा आखिरी फैसला नीतीश कुमार का ही होता है। बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन इससे पहले ही लालू ने नीतीश को खुला ऑफर देकर सियासत को गरमा दिया है।
बिहार के 42वें राज्यपाल के तौर पर शपथ लेने के बाद आरिफ मोहम्मद खान पत्रकारों के सवालों से बचते दिखे। उन्होंने टालने के अंदाज में कहा कि आज ओथ का दिन है, आज रहने दीजिए। नीतीश भी सवालों से बचते दिखे। हालांकि जाते—जाते नव नियुक्त राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मुझे थोड़ा समय दीजिए। उन्होंने कहा कि मैने पहले भी कहा है और आज फिर दोहराता हूं कि बिहार का बहुत गौरवशाली इतिहास रहा है और बिहार के लोगों के अंदर जबर्दस्त क्षमता है। बिहार के लोग देश की व्यवस्था चला रहे हैं। देश आगे जाएगा और बिहार भी आगे जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बिहार तथा देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएं भी दीं।
राजद सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात पर उन्होंने कहा कि उनसे मेरे पुराने ताल्लुकात हैं। मैं उनके शहर में एक जिम्मेवारी के साथ आया हूं। मैं बस भावना व्यक्त करने गया था, हर चीज में राजनीति मत देखिये।
आरिफ मोहम्मद खान बने बिहार के 42वें राज्यपाल
बिहार के 42वें राज्यपाल के रूप में आरिफ मोहम्मद खान ने शपथ ले ली है। पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कृष्ण विनोद चंद्रन ने उन्हें शपथ दिलाया। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों डिप्टी सीएम, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित तमाम नेता उनके शपथ ग्रहण में शामिल हुए।
सीएम नीतीश कुमार के लिए खुले हैं दरवाजे : लालू
बता दें कि एक जनवरी को राजद सुप्रीमो की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का जन्मदिन था। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान जन्मदिन को लेकर आयोजित किए गये समारोह में शामिल हुए थे। इसी दौरान पत्रकारों ने लालू प्रसाद से सीएम नीतीश कुमार लेकर सवाल किया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनता और सीएम नीतीश कुमार ने दरवाजे हमेशा खुला हुये हैं। वह साथ में आएं और काम करें। लालू ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि नीतीश कुमार अगर अब भी उनके साथ आते हैं तो उनके लिए दरवाजे खुले हुए हैं। बिहार की जनता के भलाई के लिए सारे गिले सिकवे भुलाकर वह नीतीश को गले लगा लेंगे। इस बयान ने सियासी गलियारे में हलचल तेज कर दी। साथ ही एनडीए खेमे की बेचैनी भी बढ़ा दी है।
सीएम अब टायर्ड हो चुके हैं : तेजस्वी
हालांकि इससे पहले लालू यादव के बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि सीएम नीतीश कुमार के लिए आरजेडी के सभी दरवाजे पूरी तरीके से बंद हैं। नीतीश के साथ सरकार चलाना अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। तेजस्वी ने यह भी कहा था कि नीतीश के सिर्फ चेहरे पर सरकार चल रही है। सीएम अब टायर्ड हो चुके हैं और रिटायर्ड अफ़सर सरकार चला रहे हैं।
एनडीए से घिरे नीतीश
राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान गुरुवार को जब मीडिया ने लालू के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया, तो उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या एक बार फिर महागठबंधन में लालू का स्वागत किया जा रहा है, तो मुख्यमंत्री ने कोई उत्तर नहीं दिया, बस मुस्कुराते हुए मीडिया के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए। इस दौरान एक ओर राज्यपाल और दूसरी ओर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी उपस्थित थे। अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर मुख्यमंत्री इस पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहे हैं?