नीतीश, तेजस्वी दोनों ही दिसंबर में करेंगे एक ही काम, दिया अलग-अलग नाम

Deepak Sharma

सिटी पोस्ट लाइव

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव दिसंबर में राज्य में राजनीतिक यात्राओं पर निकलेंगे, ताकि 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले जनता की भावना को समझा जा सके। वोटर्स को लुभाने के लिए दोनों एक ही काम करने जा रहे हैं। हालांकि दोनों ने अपनी-अपनी यात्रा को नाम बिलकुल अलग और अनोखा दिया है।

नीतीश कुमार 15 दिसंबर से अपनी यात्रा शुरू करेंगे, जबकि तेजस्वी यादव 4 दिसंबर को सड़क पर उतरेंगे। नीतीश कुमार की ‘महिला संवाद यात्रा’ का उद्देश्य सरकार के 7 संकल्प कार्यक्रम की प्रगति का मूल्यांकन करना और महिलाओं के साथ बातचीत के जरिए जनता की भावना को समझना होगा। वहीं तेजस्वी यादव की यात्रा उनके ‘कार्यकर्ता संवाद यात्रा’ के तीसरे चरण के रूप में होगी, जिसे त्योहारों और उपचुनावों के कारण स्थगित कर दिया गया था। नीतीश की तरह तेजस्वी भी 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले जनता की और खासकर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना जानना चाहते हैं।

नीतीश कुमार हाल ही में उपचुनावों में अपनी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की शानदार जीत से उत्साहित हैं और उनकी यात्रा इस जीत के जोश पर आधारित होगी। वहीं, तेजस्वी यादव को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को एकजुट करने और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को चुनौती देने के लिए नई रणनीतियां तैयार करनी हैं, साथ ही लोगों को उनके दैनिक जीवन से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर जागरूक करना है।

बिहार की त्रिकोणीय राजनीति में अब तक तीन दलों — राजद, भाजपा और जेडी-यू में से कोई भी दो दल एक साथ आकर तीसरे दल को हरा देते हैं। यह 2010, 2015 और 2020 में हुआ, हालांकि इन गठबंधनों में कभी न कभी मतभेद भी रहे हैं।

2020 में तेजस्वी यादव की राजद सरकार बनाने के बेहद करीब पहुंची थी, लेकिन पार्टी-नेतृत्व वाला महागठबंधन (ग्रैंड अलायंस) थोड़ा पीछे रह गया। नीतीश कुमार की जेडी-यू 50 सीटों से भी कम के साथ तीसरे स्थान पर रही, लेकिन फिर भी वह मुख्यमंत्री का पद पाने में सफल रहे। उन्होंने पक्ष बदल लिया, लेकिन अपने मुख्यमंत्री के रूप में पूरे कार्यकाल को सफलतापूर्वक पूरा किया।

 

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