नीतीश कुमार के ‘संकटमोचक’ हैं नरेंद्र नारायण यादव.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने वाले नरेंद्र नारायण यादव का नाम बहुत लोगों के लिए नया जरूर है लेकिन नीतीश कुमार के लिए संकटमोचक से कम नहीं हैं. नीतीश कुमार ने उनके ऊपर भरोसा जताते हुए उन्हें  विधानसभा के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी देने का फैसला लिया है.बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष पद से महेश्वर हजारी के अचानक त्यागपत्र देने के बाद नरेंद्र नारायण यादव का नाम चर्चा में आया. 73 वर्षीय नरेंद्र नारायण यादव मधेपुरा जिला के आलमनगर विधानसभा क्षेत्र 1995 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. विधानसभा में उनका यह सातवां टर्म है. ईमानदार और साफ छवि के नरेंद्र राज्य कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं.

नरेंद्र नारायण यादव मधेपुरा जिला के पुरैनी प्रखंड अन्तर्गत बालाटोल के रहने वाले हैं. इनकी राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1968 में हुई. नरेंद्र नारायण यादव (Narendra Narayan Yadav)  पहली बार 2005 में नीतीश सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री बनाए गए. इसके बाद 2010-2014 तक वे प्रदेश में राजस्व एवं भूमि सुधार के साथ ही विधि विभाग के मंत्री रहे.नरेंद्र नारायण यादव 2014 में उस समय संकटमोचक बनकर उभरे थे जब नीतीश कुमार 2014 में बुरी तरह से लोकसभा चुनाव हार गए थे. उस संकट के दौरान नरेंद्र नारायण यादव को नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी बनाने की भी बात हो रही थी. उन्होंने 2014 के बाद पार्टी को ऊपर उठाने में अहम भूमिका निभाई.

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