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बिहार में जहरीली शराब से तीन दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में एक बार फिर से जहरीली शराब ने  दर्जनों लोगों की जान ले ली है. सिवान और सारण जिले में अबतक तीन दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है. हालांकि जिला प्रशासन ने केवल 6 लोगों के मौत की पुष्टि की है. तुरंत एक्शन लेते हुए भगवानपुर थाना अध्यक्ष और दो चौकीदार को निलंबित कर दिया गया है. अभी तक सिवान सदर अस्पताल में 42 शराब पीने वाले व्यक्ति एव महिलाओं का इलाज हो चुका है. जिसमें ज्यादातर लोगों को पटना रेफर किया जा चुका है.

 

सबसे ज्यादा मौत सिवान जिले में हुई है. यहां पर 18 लोगों की जान चली गई है. मृतकों में कौड़िया वैश्य टोला के अरविंद सिंह(40), रामेंद्र सिंह (30), माघर पोखरा के संतोष महतो (35), मुन्ना (32), बृज मोहन सिंह, भगवानपुर हाट थाना के माघर निवासी गंगा साह के पुत्र मोहन साह के नाम शामिल हैं. इसके अलावा तीन को सीधे पोस्टमॉर्टम रूम ले जाया गया. अबतक 9 शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है. सिवान जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने बताया कि हमलोगों को संदिग्ध मौत की सूचना मिली थी. जिसके बाद मैं और जिला अधीक्षक सदर अस्पताल पहुंचे. तीन को मृत अवस्था में यहां लाया गया था. एक को रेफर किया गया था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. अब तक 4 की मौत हुई है. सिवान सदर अस्पताल में 8 लोगों का इलाज किया जा रहा है. वहीं पीएमसीएच में 3 इलाजरत हैं. इसमें से एक की हालत नाजुक बनी हुई है. जिलाधिकारी का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत की वजह का पता चल पायेगा.

 

जहरीली शराब पीने के कारण सिवान सदर अस्पताल में इलाजरत शैलेश साह ने बताया कि वह मछली बेचने गया था. वहीं पर शराब खरीदकर पिया था. जिसके बाद अचानक उसकी आंख के पास अंधेरा छाने लगा और पेट में दर्द होने लगी. जिसके बाद उसे अस्पताल लाया गया है. वहीं दिनेश गोंड ने बताया कि माघर गांव से 50 रुपये में शराब खरीद कर पिया था. उसके बाद उसको पेट में दर्द एव आंख से नहीं दिखने की शिकायत होने लगी. वहीं दूसरी तरफ सारण के मशरख थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव में भी जहरीली शराब का कहर देखने को मिला है. तीन लोगों की मौत की खबर सामने आयी है. हालांकि प्रशासन की तरफ से 2 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. छपरा सदर अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद ने जानकारी दी है कि अभी तक सात बीमार व्यक्तियों को पटना रेफर किया गया.

घटना की सूचना मिलने के बाद सारण प्रक्षेत्र के डीआईजी निलेश कुमार, जिलाधिकारी अमन समीर, पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष, डीएसपी सदर प्रथम राजकिशोर सिंह, एएसपी डॉ. राकेश कुमार के साथ जिले के तमाम आला अधिकारी छपरा सदर अस्पताल पहुंचे. डीआईजी निलेश कुमार इसके बाद इब्राहिमपुर गांव पहुंचे और लोगों से बात की. स्थानीय लोगों का कहना है कि सिवान और सारण जिले में जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है. क्योंकि काफी लोगों ने शराब की सेवन किया था. ऐसे में प्रशासन भी पूरे मामले में सजग है. शराब के अड्डों को ढूंढा जा रहा है.

जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शराबबंदी को लेकर सवाल उठाया है.उन्होंने कहा है कि इस तरह की शराबबंदी का क्या मतलब ,जहाँ जहरीली शराब से हर साल सैकड़ों लोगों की मौत हो रही हो.उन्होंने कहा कि शराबबंदी से केवल पुलिस और शराब माफिया को फायदा है.आम लोग परेशान हैं.जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं.उन्होंने कहा कि शराबबंदी से एक तरह 20 हजार करोड़ के राजस्व का हर साल नुकशान हो रहा है दूसरी तरफ भ्रष्ट अधिकारी और शराब  माफिया मालामाल हो रहे हैं.

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