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पटना: जन-सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर को बड़ा झटका लगा है। पूर्व सांसद मुनाजिर हसन और पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव ने जन सुराज की कोर कमेटी से इस्तीफ़ा दे दिया है।
दोनों दिग्गज़ नेताओंं ने इस्तीफ़े की कॉपी प्रशांत किशोर को भेज दी है। दोनों ने इस्तीफ़े के पीछे निजी वजह बताई है, लेकिन यह साफ़ है कि पार्टी में अहमियत न मिलने की वजह से दोनों नेताओं ने इस्तीफ़ा दिया है।
बता दें कि कल जन-सुराज की स्टेट कोर कमिटी की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेन्द्र प्रसाद यादव और रामबलि सिंह नहीं पहुंचे थे। मोनाजिर हसन देर से पहुंचे लेकिन अपनी उपेक्षा से भड़क गये। उन्होंने स्टेट कोर-कमिटी से अपने आपको अलग कर लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने आईपैक पर गंभीर आरोप लगाया है। उनके अनुसार आईपैक नेताओं को भाव नहीं देता। खुद फ्रंट फूट पर खेलना चाहता है और बड़े नेताओं को हाशिये पर खड़ा कर देता है।
मोनाजिर हसन ने कोर कमिटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि 150 लोगों की कोर कमिटी बनाने का कोई मतलब नहीं। किसी भी पार्टी के कोर कमिटी में ज्यादा से ज्यादा 15 से 20 लोग हो सकते हैं। उन्होंने कोर कमिटी की सूची में वरिष्ठ नेताओं का नाम नीचे रखने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उनके सम्मान का ध्यान नहीं रखा गया। 150 सदस्यों की कोर कमिटी में तो वो खो से गये हैं। उनको पता नहीं चल रहा है कि पार्टी में किस नेता की क्या हैसियत है। मोनाजिर हसन ने कहा कि जन-सुराज में जाने का ये मतलब नहीं है कि उनकी राजनीतिक अहमियत ख़त्म हो गई है। उनकी कोई पूछ नहीं है। उन्हें पूछनेवाले बहुत लोग हैं।
प्रशांत किशोर ने अपने नेता पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना को भेजा था। किशोर कुमार मुन्ना ने मोनाजिर हसन और प्रोफेसर रामबलि सिंह से मुलाक़ात कर उनको मनाने की कोशिश की, लेकिन लगता है किशोर कुमार मुन्ना की कोशिशों का असर मोनाज़िर हसन और देवेंद्र प्रसाद यादव पर नहीं हुआ।