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पटना: बिहार की सियासत में एक बड़ा उलटफेर हुआ है। जदयू के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे मंगनी लाल मंडल ने पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (आजेडी) में शामिल होने का फैसला लिया है। तेजस्वी यादव उन्हें आज शाम 4:30 बजे पार्टी की सदस्यता दिलवाएंगे। यह घटनाक्रम नीतीश कुमार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर तब जब मंगनी लाल मंडल बिहार के अतिपिछड़े समाज, खासकर धानुक समाज, से आते हैं, और उनका प्रभाव राज्य में महत्वपूर्ण है।
मंगनी लाल मंडल, जो पहले लालू यादव और नीतीश कुमार दोनों के करीबी रहे हैं, 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आरजेड़ी छोड़कर नीतीश कुमार के साथ गए थे, लेकिन अब 5 साल बाद वह घर वापसी करने जा रहे हैं। यह कदम आरजेड़ी की तरफ से अतिपिछड़े वोटबैंक को साधने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। मंडल पहले सांसद और लालू-राबड़ी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
वहीं मंगनी लाल मंडल ने कहा कि, “राजनीतिक दृष्टिकोण और सामाजिक न्याय की दृष्टि से, कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा और लालू यादव की लीडरशिप को मैं हमेशा सम्मान देता हूं। लालू यादव हमारे नेता रहे हैं और हम एक सहकर्मी के तौर पर काम करते रहे हैं। याद करें, जब कर्पूरी ठाकुर का निधन हुआ था, तो वह लालू यादव के गोद में हुआ था।”
उन्होंने यह भी बताया कि जेडीयू में पांच साल तक उपाध्यक्ष और महासचिव के पद पर रहते हुए उन्हें कोई काम नहीं दिया गया। “मैं अपने आप को असहज महसूस कर रहा था, क्योंकि जेडीयू में मेरे जैसे नेताओं की कोई कद्र नहीं थी। पार्टी के भीतर अति पिछड़े और पिछड़े वर्ग को नजरअंदाज किया जा रहा था। जेडीयू अब केवल कुछ लोगों का दल बनकर रह गया है, जिनके पास जनता की कोई सुनवाई नहीं है।”
मंगनी लाल मंडल ने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव की नेतृत्व में उन्होंने अपना घर वापस लौटने का फैसला किया, क्योंकि तेजस्वी ने जाति आधारित जनगणना कराकर बिहार में बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों की स्थिति को उजागर किया। “तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री कार्यकाल में कई पदों पर नियुक्तियां हुईं, और उन्हें मैं हमेशा आभारी रहूंगा।” उन्होंने उम्मीद जताई कि अब बिहार में सरकार और शासन में बदलाव आएगा। “मैं अतिपिछड़े और पिछड़े वर्ग के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए अपने घर वापस लौटा हूं। इस बार, बिहार में बदलाव होगा और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बदलाव लाएंगे।”
वहीं राजद में मंगनी लाल मंडल की घर वापसी को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा, “पांच साल बाद हमारे पिता के पुराने मित्र अपने घर लौट आए हैं। उनके आने से हमारी विचारधारा और दल दोनों ही मजबूत होंगे। मंगनी लाल मंडल का अनुभव हमें राजनीति में दिशा और मार्गदर्शन देगा।” तेजस्वी यादव ने आगे कहा, “हम जैसे युवा नेताओं का हौसला और भी बुलंद होगा। हम सब मिलकर उन ताकतों से लड़ेंगे जो गांधीजी और हमारे महापुरुषों का अपमान करते हैं। हम पिछड़े और अतिपिछड़े समुदाय के हक की लड़ाई लड़ेंगे।”
तेजस्वी यादव ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, “भा.ज.पा और आरएसएस का आजादी में कोई योगदान नहीं था। ये लोग बस समाज को दिग्भ्रमित करते हैं। हम सबको एकजुट होकर इनके खिलाफ खड़ा होना होगा।” उन्होंने केंद्र सरकार पर भी आक्षेप किया, “केंद्र सरकार ने बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया है। बिहार को स्पेशल स्टेटस का वादा किया गया था, लेकिन उसे गुजरात को दे दिया गया। बिहार भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है।”
महंगाई और महिलाओं की समस्याओं को लेकर भी तेजस्वी ने चिंता व्यक्त की। “महिलाएं महंगाई की मार झेल रही हैं, और बिहार के 94 लाख परिवार ₹6000 प्रति माह से भी कम कमाते हैं। सरकार उनके लिए कोई मदद नहीं कर रही है।” तेजस्वी ने अपने वादों को दोहराया, “हमारी सरकार बनने पर हम एक महीने के भीतर माई बहिन योजना शुरू करेंगे, जिसमें हर महिला को ₹2500 मिलेगा और 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी।”
उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी कहा, “बिहार में हर जगह ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार हो रहा है। गांधी मैदान में पहले नियुक्ति पत्र मिलने पर युवाओं के चेहरे पर खुशी होती थी, अब वे वहीं पीटे जाते हैं।” आखिर में, तेजस्वी यादव ने कहा, “हम आर्थिक और सामाजिक न्याय के लिए काम करेंगे, और बिहार की जनता इन झांसेबाजों के चक्कर में नहीं आएगी।”