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चुनावी खर्च की निगरानी के लिए बड़ी तैयारी.

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सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग तैयारी में जुट गया है. चुनाव आयोग ने ऐसे सभी लोकसभा क्षेत्रों को चिह्नित करने को लेकर निर्देश दिया है ,जहाँ प्रत्याशी बेहिसाब खर्च करते हैं.पुलिस मुख्यालय के एडीजी (मुख्यालय), एडीजी (ईओयू), विशेष निगरानी इकाई, नोडल पदाधिकारी निर्वाचन व्यय, मद्य निषेध, उत्पाद, एवं निबंधन विभाग, आयकर महानिदेशक (अन्वेषण), नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के जोनल निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक एवं एजीएम एसएलबीसी के को-आर्डिनेटर को पत्र लिखा है.इन सभी अधिकारियों को चुनाव खर्च को लेकर संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है.

 आयोग का मानना है कि पिछले कुछ चुनावों से अवैध खर्च को रोकना चुनौती बनी हुई है. इसकी मानीटरिंग को लेकर कई कदम उठाए गए हैं. इसमें प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की सीमा को बढ़ाना भी सम्मिलित है. वर्ष 2010 से राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों के खर्च की सख्त निगरानी शुरू की गई थी.इसमें अवैध खर्च जिसमें पैसे का वितरण, शराब एवं उपहार का वितरण कर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश पर अंकुश लगाना है. इस प्रकार की पहल को अवैध करार किया गया है. इसके साथ ही निर्वाचन व्यय, जनसभा, पोस्टर, बैनर, वाहनों का उपयोग, विज्ञापन को रेगुलेट किया गया है.

आयोग प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की सीमा निर्धारित करता है. जनवरी 2022 से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हर प्रत्याशी की चुनावी खर्च की सीमा 95 लाख और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी की चुनावी खर्च की सीमा 40 लाख तय की  गई थी. इसके पहले वर्ष 2020 में लोकसभा प्रत्याशी की चुनावी खर्च की सीमा 77 लाख, वर्ष 2014 में चुनावी खर्च की सीमा 70 लाख निर्धारित थी. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की सीमा 25 लाख रुपये थी.

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