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पटना: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने खुलेआम मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देने की धमकी दी है। उन्होंने कहा, “अगर सीट को लेकर बात बढ़ी, तो मुझे कैबिनेट छोड़नी पड़ेगी।” मांझी की यह नाराजगी खास तौर पर चिराग पासवान को NDA में ज्यादा महत्व दिए जाने और अपनी पार्टी की उपेक्षा को लेकर है। उन्होंने कहा, “झारखंड में सीट नहीं मिली, ठीक है, मैंने कभी सीट नहीं मांगी। दिल्ली में भी मुझे सीट नहीं मिली, लेकिन यह क्या न्याय है? क्या हमारा कोई अस्तित्व नहीं है?”
उन्होंने कहा, “जब जनता हमारे साथ है, जब वोटर हमें अपना समर्थन दे रहे हैं, तो हमें सीट क्यों नहीं मिल रही? मांझी ने आगे कहा, “हम अपने अस्तित्व के आधार पर सीट की मांग कर रहे हैं। यह हमारी भूख नहीं, बल्कि हमारे लोगों की जरूरत है।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि, “अगर 5 डीसी मील ज़मीन के लिए हम कोर्ट तक गए, तो NDA को 3 डीसी मील ज़मीन की मांग करने में क्यों परेशानी हो रही है?”
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि सरकार के पास 18 लाख एकड़ ज़मीन है, चाहे वह भूमि सुधार से जुड़ी हो या केंद्र सरकार की ज़मीन। उन्होंने बिहार सरकार से मांग की कि, “अगर 1.5 एकड़ ज़मीन प्रत्येक भूमि हीन को मिलती है, तो ये शेड्यूल कास्ट के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा।” नाराज़गी के बावजूद, मांझी ने यह स्पष्ट किया कि वे कोई हिंसक कदम नहीं उठाएंगे, लेकिन अगर उनकी पार्टी और उनके कार्यकर्ताओं के अधिकारों की अनदेखी की जाती रही, तो उनका विरोध तेज़ हो सकता है। “हम एनडीए का हिस्सा हैं, लेकिन जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम चुप नहीं बैठेंगे।”
इस बयान के साथ ही मांझी ने स्पष्ट किया कि यदि उन्हें 20 सीटें मिलती हैं, तो वह बिहार विधानसभा में कई अहम फैसले करवाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बिहारवासियों से अपील करते हुए कहा, “अगर आप हमें वोट देंगे, तो हम आपके लिए यह काम करेंगे।” उन्होंने सीएम नीतीश की प्रशंसा करते हुए कहा कि, ये बात सच है कि नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए अच्छा काम किया है। यह बयान बीजेपी और NDA के भीतर एक नई हलचल का संकेत है और आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में इसकी राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकता है।