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मुजफ्फरपुर: एक प्रेमी-प्रेमिका ने अपने रिश्ते में मजहब की दीवार को तोड़ते हुए दिल्ली में हिंदू रीति-रिवाज से शादी की, लेकिन अब पति अपनी पत्नी की तलाश में दर-दर की ठोकरें खा रहा है। इस चक्कर में प्रशासन और कोर्ट से लेकर हर जगह उसे न्याय का इंतजार है।
पूरा मामला मुजफ्फरपुर के गायघाट थाना क्षेत्र का है, जहां लोकेश कुमार और शम्मा प्रवीण नामक युवती का प्यार कई सालों से चल रहा था। हालांकि, दोनों का मजहब अलग होने के कारण उनके परिवारवाले शादी के खिलाफ थे। इस वजह से दोनों ने मजहब की दीवार को तोड़ते हुए दिल्ली भागकर हिंदू रीति रिवाज से शादी की और कोर्ट से उसे प्रमाणित भी किया।
शादी के बाद कुछ दिनों तक दोनों साथ रहे, लेकिन जब वे गांव लौटे, तो एक बार फिर मजहब एक दीवार बनकर सामने आ गया। लोकेश के परिवार ने दोनों को अपनाया, लेकिन शम्मा के परिवार ने उसे घर बुलाकर बेटी को गायब कर दिया। इसके बाद लोकेश ने पुलिस और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अब तक पुलिस को उसकी पत्नी का कोई पता नहीं चला।
दरअसल, 23 दिसंबर को युवक लोकेश अपनी पत्नी शम्मा प्रवीण को उसके माता पिता से मिलाने के लिए सीतामढ़ी के डुमरा लालू चौक के पास पहुंचा।जिसके कुछ समय बाद युवती के परिजन भी वहां पर पहुंचे और बात होने लगी। इसी बीच युवती के परिजनों के द्वारा जबरन युवती को अपने गाड़ी में बिठा लिया और जब तक लोकेश कुछ समझ पाता तब तक सभी लोग वहां से फरार हो गए।
पीड़ित प्रेमी को न्याय की तलाश
लोकेश ने कहा, “मैंने अपने जीवन की साथी को अपने घर शादी करके लाया था, लेकिन उसके माता-पिता ने मिलने के बहाने मेरी पत्नी को बुलाया और गायब कर दिए है। अब मैं उसे वापस लाने के लिए हर जगह जाकर मदद मांग रहा हूं, लेकिन मुझे कोई राहत नहीं मिल रही है।”
मजदूरी और प्यार की आक्रामक कहानी
लोकेश और शम्मा का यह संघर्ष केवल प्रेम और धर्म के बीच की दीवारों को तोड़ने की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक मुद्दा भी बन गया है। एक तरफ उनके रिश्ते को देखकर यह प्रेरणा मिलती है कि प्यार में कोई बाधा नहीं होती, जबकि दूसरी ओर यह साबित होता है कि समाज में विभिन्न धारणाएं और परंपराएं इसे स्वीकार करने में बाधक बन जाती हैं।
पुलिस की जांच जारी
मुजफ्फरपुर पूर्वी के एडिशनल एसपी सहरियार अख्तर ने बताया, “हम मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। युवक का कहना है कि लड़की के परिजनों ने उसे गायब किया है, और हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं।”
न्याय की उम्मीद
लोकेश और शम्मा की कहानी ने प्रेम, परिवार, और समाज के बीच के रिश्तों को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। अब देखना यह होगा कि क्या इस मामले में अंततः न्याय मिलेगा, या यह संघर्ष हमेशा के लिए जारी रहेगा। यह मामला एक तरफ जहां प्रेम और विश्वास की कहानी है, वहीं दूसरी ओर यह समाज में मजहब और परिवार की सोच से उत्पन्न संघर्षों की एक दुखद गाथा भी बन गया है।