सिटी पोस्ट लाइव :पटना के डीएम और एसएसपी संकट में हैं.उनके ऊपर कभी भी गाज गिर सकती है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पटना लाठीचार्ज मामले में संज्ञान लेते हुए दोनों अधिकारियों को तलब किया है. 13 जुलाई को राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बिहार सरकार के खिलाफ बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान पटना पुलिस की ओर से लाठीचार्ज किये जानें के मामले पर लोक सभा अध्यक्ष ने संज्ञान लिया है. उस दौरान बीजेपी नेताओं की पिटाई की गई. इतना ही नहीं परिचय देने के बाद भी जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को पुलिस ने लाठियों से पिटाई की.
13 जुलाई 2023 को शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बीजेपी ने मार्च निकाला था. इस मार्च में भाजपा के वरिष्ट नेता, सांसद, विधायक और कार्यकर्ता शामिल हुए थे. दोपहर में गांधी मैदान से विधानसभा मार्च की शुरुआत हुई. प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा , सांसद जनार्दन सिग्रीवाल आदि बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता डाक बंगला के पास पहुंचे थे. यहां पुलिस के साथ झड़प हो गई. पुलिस ने लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया. पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए किसी भी वरीय नेता को भी नहीं बक्शा.
दरअसल महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की होगी. उन्होंने कहा होगा कि दलीय राजनीति के तहत कोई भी गलत नीतियों का विरोध किया जाता है. शिक्षक बहाली की गलत प्रक्रिया के विरोध में भाजपा सड़क पर उतरी. यह विरोध प्रदर्शन अहिंसात्मक तरीके से किया जा रहा था. फिर भी पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें और उनके कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाई. मेरे यह कहने पर भी की मैं संसद हूं कार्यकर्ता भी कहते रहे कि ये सांसद हैं. फिर भी पुलिस लाठियां बरसती रही. यह मुझे जान से मारने की साजिश रची गई थी. इस घटना में मैं बुरी तरह घायल हो गया था. मुझे कई दिनों तक अस्पताल में इलाज कराना पड़ा था. यह विशेषाधिकार के हनन का मामला बनता है.
अब पटना के डीएम और एसपी को सफाई देनी पड़ेगी. यह सफाई संसद में बनी प्रिविलेज कमिटी के सामने देनी होगी. कमेटी डीएम और एसपी की सफाई से कितनी संतुष्ट होती है उसी के आधार पर दंड का निर्धारण किया जाता है. पर यह रेयर ऑफ रेयरेस्ट होता है. अधिकांश मामले में माफी मांग ली जाती है और मामला रफा-दफा हो जाता है.