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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना भाई बताकर साथ आने का ऑफ़र देने के बाद राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव ने 18 जनवरी को पटना में पार्टी के अहम नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बारे में पार्टी के महासचिव अब्दुलबारी सिद्दिकी ने एक पत्र जारी किया है। पत्र में बताया गया है कि यह बैठक पार्टी अध्यक्ष के निर्देश पर बुलाई जा रही है और इसमें पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं की उपस्थिति अनिवार्य है।
खास बात यह है कि यह बैठक तब बुलाई गई है जब लालू यादव ने हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एनडीए छोड़कर महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। ऐसे में इस बैठक के राजनीतिक संकेतों पर चर्चा तेज हो गई है।
पार्टी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में यह कहा गया है कि यह बैठक आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर बुलाई जा रही है। हालांकि, बिहार की राजनीति में कुछ भी भविष्यवाणी करना कठिन है, क्योंकि पिछले साल जनवरी के अंत में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन छोड़कर एनडीए का हिस्सा बनने का निर्णय लिया था।
राजद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 18 जनवरी, 2025 को शनिवार के दिन सुबह 11:30 बजे पटना के मौर्या होटल के अशोक हॉल (लोकनायक जयप्रकाश नारायण सभागार) में आयोजित की जाएगी। बिहार विधानसभा के राजनीतिक समीकरणों की बात करें, तो इस समय राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। बहुमत के लिए 122 सीटों की आवश्यकता है, और भाजपा के पास वर्तमान में 78 विधायक हैं।
सत्तारूढ़ गठबंधन में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के पास 45 सीटें हैं। इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ के चार विधायक और एक निर्दलीय विधायक भी सरकार का समर्थन कर रहे हैं। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने यह दावा किया था कि मकर संक्रांति के बाद बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम बदलेगा और महागठबंधन की सरकार बनेगी।