सिटी पोस्ट लाइव : मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले संभावित मंत्रियों को लेकर कयासबाजियां जारी हैं. माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा.जेडीयू से की संभावित उम्मीदवार हैं. सवर्ण कोटे से देवेश चंद्र ठाकुर और लवली आनंद का नाम चल रहा है.दोनों में से कोई एक मंत्री बन सकता है.ज्यादा संभावना लावली आनंद का है क्योंकि जेडीयू में ब्राहमण से प्रबल दावेदार संजय झा हैं. ब्राहमण कोटे से सबसे अधिक संभावना राज्यसभा सांसद संजय झा का है. मुंगेर से सांसद ललन सिंह को भूमिहार कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है.
पिछड़े कोटे में रामनाथ ठाकुर और सुनील कुमार कुशवाहा मंत्री बन सकते हैं.अगर रामनाथ ठाकुर पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष बने तो अति पिछड़ा समाज से वाल्मिकी नगर से सांसद सुनील कुमार कुशवाहा मंत्री बन सकते हैं. रामनाथ ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री और बड़े समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं. लोक सभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें भारत रत्न दिलवाई है.
अनुसूचित जाति के आलोक सुमार सुमन ,गोपालगंज सांसद मंत्री बन सकते हैं. वह लगातार तीसरी बार जदयू के टिकट पर चुनाव जीते हैं और ऐसे में अगर नीतीश कुमार की पार्टी अगर मंत्रिपरिषद में शामिल होती है तो आलोक कुमार सुमन की दावेदारी भी बनती दिख रही है. हालांकि, तीन मंत्री ही बनाए जाने की संभावना है ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि किनका नंबर आता है.
जेडीयू कोटे के संभावित मंत्रालय को लेकर भी चर्चा जारी है. कृषि विभाग की काफी चर्चा है. नीतीश कुमार इस विभाग को पहले केंद्र में संभाल चुके हैं. बिहार में एग्रीकल्चर बेस्ड इंडस्ट्री की संभावना है तो हो सकता है कि जदयू की दावेदारी हो क्योंकि बिहार में इस क्षेत्र में काम करने का बहुत स्कोप है और इसकी जरूरत भी बिहार को है.रेल मंत्रालय को लेकर भी काफी चर्चा है कि यह जदयू के कोटे में आ सकता है. दरअसल, नीतीश कुमार, लालू यादव, राम विलास पासवान जैसे दिग्गज इस विभाग को पहले भी संभाल चुके हैं. रेलवे विभाग आने से बिहार में निवेश बढ़ सकता है और इससे नौकरी भी मिलेगी.
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