जीतन राम मांझी को नहीं मिल रहा है CM से मिलने का मौका.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव :  जीतन राम मांझी भले नीतीश कुमार का साथ नहीं छोड़ने की कसमे खा रहे हैं लेकिन महागठबंधन में रहकर महागठबंधन सरकार की बखिया खूब उधेड़ रहे हैं.उन्होंने बिहार में भ्रष्टाचार का बोलबाला होने का आरोप लगाया है.उनके अनुसार गरीबों-दलितों की राज्य और केंद्र सरकार की सारी योजनायें बिहार में घपले घोटाले का शिकार हो गई हैं.मांझी ने कहा कि बिहार में इंदिरा आवास और प्रधानमंत्री आवास योजना में 40 हजार रूपये की रिश्वत ली जा रही है.रिश्वत की वजह से सारे आवास आधे अधूरे पड़े हैं.

मांझी ने कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार का साथ नहीं छोड़ने की कसम खाई है इसलिए सरकार की कमी खामियों की तरफ मुख्यमंत्री का ध्यान दिलाना उनकी जिम्मेवारी है.उन्होंने कहा कि बिहार में 60 फीसदी दलित और पिछड़े लोग हैं .अगर सरकार उनके बारे में नहीं सोचेगी तो सरकार का क्या होगा.उन्होंने एक तरह से महागठबंधन को डूबती नैया भी करार दे दिया.उन्होंने कहा कि वो भी उसी नाव पर सवार हैं.अगर नाव डूबती है तो वो कैसे बचेगें.

मांझी ने गरीबों के घर तोड़े जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि वगैर वकाल्पिक व्यवस्था के गरीबों के घर को उजाड़ देना उचित नहीं है.बिहार में ये काम हो रहा है.उन्होंने कहा कि इसको लेकर और दुसरे अजेंदों को लेकर वो  अपने विधायकों के साथ मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं  लेकिन अभीतक मुख्यमंत्री का समय नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि एकबार फिर से वो मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश करेगें.

जीतन राम मांझी लगातार बिहार सरकार पर हमलावर हैं.दिल्ली में अमित शाह के साथ मुलाक़ात के बाद उनके बीजेपी के साथ जाने की अटकलें  लगाईं जा रही हैं.इस बीच मांझी ने 5 लोक सभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की नींद उड़ा दी है.मांझी ने अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ने का दवा करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी को 5 से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए.मांझी की नजर मगध के साथ साथ बिहार के उन लोक सभा सीटों पर है जहाँ दलित-महा-दलित वोटर ज्यादा हैं.

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