सिटी पोस्ट लाइव : बीजेपी को रोकने के लिए इंडिया गठबंधन तो बन गया है लेकिन पांच राज्यों के लिए हो रहे विधान सभा चुनाव में विपक्षी दलों की एकता धरासाई हो गई है. इन पांच राज्यों के चुनाव परिणाम को लोकसभा चुनाव के पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है. इंडिया गठबंधन की एकता के लिए इसका परिणाम बेहद मायने रख सकता है. देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने पूरी ताकत लगा रखी है. लेकिन क्षेत्रीय दलों ने भी अपने अपने उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस की चुनौती बढ़ा दी है.
अखिलेश यादव के बाद अब मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने भी अपने 5 उम्मीदवार उतारकर इंडिया गठबंधन में हलचल तेज कर दी है. JDU के इस कदम के अर्थ निकाले जा रहे हैं.गौरतलब है कि जब मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जब भी बिहार की राजनीतिक पार्टियों ने उम्मीदवार उतारे हैं तो उनकी जमानत तक जब्त हो गई है.फिर भी इस बार फिर JDU ने उम्मीदवार उतार दिए हैं.
मध्यप्रदेश में जदयू का ट्रैक रिकॉर्ड कभी बेहतर नहीं रहा. JDU के दो बार एक एक उम्मीदवार की जीत हुई थी. बाकी लोगों की जमानत तक जब्त हो गई थी. मध्यप्रदेश में 1998 के चुनाव के दौरान जेडीयू ने पहली बार 144 उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 135 की जमानत जब्त हो गयी थी. 2003 में उम्मीदवार की संख्या मात्र 36 रह गई थी जिसमें 33 की जमानत जब्त हो गयी थी. 2008 चुनाव में जदयू ने 49 उम्मीदवार उतारे लेकिन किसी की जमानत नहीं बची. 2013 में JDU ने 22 उम्मीदवार उतारे एक की भी जमानत नहीं बची थीं. इसके बाद जदयू ने मध्य प्रदेश में उम्मीदवार नहीं उतारे. लेकिन इस बार देश भर में विपक्षी एकता की चल रही कवायद के बीच जेडीयू ने अपने उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस को सकते में डाल दिया है.