सिटी पोस्ट लाइव : जेडीयू चुनाव के पहले एक के बाद एक रथ रवाना कर रही है.जेडीयू ने अलग-अलग रथ बनवाए हैं. राष्ट्रीय राजनीति के साथ साथ बिहार में हिंदू-मुस्लिम और आंबेडकर के मुद्दे पर राजनीती तेज है. JDU ने अति पिछड़ा वोट बैंक को साधने के लिए कर्पूरी रथ निकाला है.जेडीयू ने महिला वोटरों को लुभाने के लिए महिला विंग को मैदान में उतारा है. दलित बैंक को भी साधने के लिए अम्बेडकर रथ निकला गया है. इसके साथ ही अल्पसंख्यक विकास रथ भी निकला है.
दरअसल, जेडीयू रथ की राजनीति कर एक तीर से दो शिकार करना चाहती है. वह भी तब जब बाबा साहब को लेकर अमित शाह के दिए बयान के बहाने इंडिया गठबंधन के नेता लगातार एनडीए पर निशाना साध रहे हैं.नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं. नीतीश कुमार की पार्टी रथ के बहाने बिहार की जनता को ये बताने की कोशिश में लग गई है कि नीतीश कुमार बाबा साहब के सच्चे अनुयायी हैं.दलितों की नाराजगी का जेडीयू पर कोई असर नहीं पड़े, नीतीश कुमार ने अम्बेडकर रथ निकाला है.पहलीबार अम्बेडकर रथ निकला गया है.ये डैमेज कण्ट्रोल की कवायद है.
बीजेपी के हिंदुत्व वाली राजनीति की वजह से मुस्लिम वोट बैंक एनडीए से भड़क चूका है. लेकिन, अल्पसंख्यक रथ के बहाने जेडीयू मुस्लिम समुदाय को बताने की कोशिश में है कि बीजेपी के साथ रहने के बावजूद मुस्लिम समुदाय को डरने की जरूरत नहीं है. नीतीश कुमार सामाजिक सद्भाव बना कर राजनीति करने वाले नेता हैवो अपने सेक्युलर क्रेडेंशियल के साथ समझौता नहीं करनेवाले हैं.कोशिश बीजेपी के हार्डकोर हिंदुत्व से और अम्बेडकर के ऊपर दिए गये अमित शाह के बयान से होनेवाले संभावित नुकशान से बचने की है.