- 243 विधानसभा सीटों के लिए निर्वाचन समिति का हुआ गठन
सिटी पोस्ट लाइव
पटना। जन सुराज ने विधानसभा उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को लोकतांत्रिक और पारदर्शी बनाने के लिए तीन-स्तरीय प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया है। उम्मीदवारों के मूल्यांकन के लिए स्पष्ट मापदंड निर्धारित किए गए हैं, जिनके आधार पर आवेदकों का आकलन किया जाएगा।
विधानसभा स्तर पर होगा प्रत्याशियों का चयन
प्रत्येक विधानसभा के लिए एक निर्वाचन समिति बनाई गयी है, जिसमें स्थानीय पदाधिकारी और जन सुराज के जुड़े सदस्य शामिल हैं। यह समिति उम्मीदवारों का मूल्यांकन कर केंद्रीय चुनाव समिति को अपनी सिफारिशें भेजेगी। इसके बाद तय मानदंडों के अनुसार प्रत्येक विधानसभा से एक प्रत्याशी का चयन किया जाए

विधानसभा निर्वाचन समिति में शामिल होंगे
- राज्य कार्य समिति के सदस्य (प्रत्येक प्रखंड से)
- प्रखंड प्रभारी, प्रखंड संयोजक, अभियान समिति के सदस्य
- प्रखंड अध्यक्ष, महासचिव, महिला अध्यक्ष, युवा अध्यक्ष, किसान अध्यक्ष, वाहिनी प्रमुख, क्लब कोऑर्डिनेटर
- नगर निगम व नगर परिषद संगठन के युवा और महिला अध्यक्ष
- विधानसभा प्रभारी (जो समिति के संयोजक होंगे)
चयन प्रक्रिया की समयसीमा
प्रत्येक विधानसभा समिति को अपनी अनुशंसा 15 मार्च से 15 जून के बीच प्रशासनिक जिला संगठन को सौंपनी होगी।
प्रथम स्तर – पंजीकरण
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से इच्छुक व्यक्ति ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड से फॉर्म भरकर चुनाव लड़ने के लिए अपनी उम्मीदवारी जाहिर कर सकते हैं। इच्छुक व्यक्ति को तय शुल्क भी जमा कराना होगा। किसी विधानसभा से पंजीकरण की ऊपरी संख्या नहीं है। इसलिए जितने भी लोग चाहें पंजीकरण करा सकते हैं। लेकिन एक विधानसभा क्षेत्र से एक ही प्रत्याशी को चुनाव लड़ने की अनुमति होगी।
द्वितीय स्तर – जिला संगठन की भूमिका
दूसरे चरण में जिला संगठन एवं सांगठनिक अनुमंडल पदाधिकारियों की एक समिति गठित होगी, जिसमें केंद्र चुनाव समिति के तीन पर्यवेक्षक शामिल होंगे। यह समिति विधानसभा समिति द्वारा की गई अनुशंसा की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट केंद्रीय निर्वाचन समिति को भेजेगी।
तृतीय स्तर – केंद्रीय चुनाव समिति का निर्णय
तीसरे और अंतिम चरण में 11 सदस्यीय केंद्रीय चुनाव समिति जिला समिति द्वारा दी गई अनुशंसा का मूल्यांकन कर अंतिम रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंपेगी। इसी के आधार पर प्रत्याशियों का फाइनल लिस्ट तैयार किया जाएगा। केंद्रीय चुनाव समिति की अनुशंसा में किसी भी प्रकार का संशोधन करने का अधिकार केवल राज्य की कोर समिति के पास होगा।