सिटी पोस्ट लाइव
मोतिहारी। चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में बड़ा ऐलान किया है। एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने घोषणा की कि उनकी जन सुराज पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। प्रशांत किशोर ने इस बात के भी संकेत दिए कि वह खुद भी चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी का निर्णय होगा, तो वह चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हालांकि, अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि वह किस सीट से उम्मीदवार होंगे। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने उनके लिए राघोपुर सीट से आवेदन दिया है, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी के स्तर पर लिया जाएगा।

राघोपुर सीट से फिलहाल आरजेडी नेता तेजस्वी यादव विधायक हैं, जिन्होंने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के सतीश कुमार को हराया था। प्रशांत किशोर ने यह भी साफ कर दिया कि उनकी पार्टी किसी भी राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि चाहे परिणाम कुछ भी हो, जन सुराज पार्टी 2029 तक किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हार स्वीकार है, लेकिन समझौता नहीं।

बिहार की नौकरशाही किसी भी अन्य राज्य से अलग नहीं है। इसके ऊपर जनता द्वारा चुने गए विधायक और मंत्री हैं। यह पूरी तरह से उन पर निर्भर करता है कि वे नौकरशाही का संचालन किस तरह से करते हैं। लालू यादव के शासनकाल में भी सरकारी व्यवस्था मौजूद थी, लेकिन अपराधियों का इतना दबदबा था कि वे पूरी व्यवस्था पर हावी थे। वहीं, नीतीश कुमार के शासन में अधिकारी इतने प्रभावशाली हो गए हैं कि वे विधायकों, मंत्रियों और यहां तक कि उपमुख्यमंत्री पर भी हावी हैं। अगर पार्टी का फैसला होगा, तो मैं भी चुनाव लड़ सकता हूं। हालांकि, अगर मैं व्यक्तिगत रूप से चुनाव न भी लड़ूं, तब भी जन सुराज सभी 243 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी ने पहले ही इसकी घोषणा कर दी है। फिलहाल, पार्टी में आवेदन प्रक्रिया जारी है, और मेरे नाम से भी किसी ने राघोपुर सीट के लिए आवेदन किया है, लेकिन यह अभी तय नहीं हुआ है कि कौन किस सीट से चुनाव लड़ेगा। हम व्यवस्था में बदलाव लाने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं, इसलिए 2025 में पार्टी कितनी सीटें जीतती है, इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता। भविष्य में भी पार्टी 243 सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी और किसी भी दल से गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता-न चुनाव से पहले, न चुनाव के बाद। जब तक मैं पार्टी में हूं, जन सुराज की नीतियों में कोई बदलाव नहीं होगा, क्योंकि यह पार्टी की प्रतिष्ठा और सिद्धांतों का विषय है, और इस पर कभी कोई समझौता नहीं होगा। मैं यहां मंत्री या विधायक बनने नहीं आया हूं। एक बिहारी के रूप में मेरी जिम्मेदारी है कि अपनी क्षमता के अनुसार बिहार के लोगों के जीवन में सुधार लाने का प्रयास करूं।
— प्रशांत किशोर, संस्थापक, जन सुराज