सिटी पोस्ट लाइव : नीतीश कुमार की कांग्रेस से नाराजगी बड़े राजनीतिक मायने हैं. INDIA गठबंधन की निष्क्रियता को लेकर नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.उन्होंने कहा, कांग्रेस को अभी विपक्षी गठबंधन से कोई मतलब नहीं है. आजकल INDIA गठबंधन में कोई काम नहीं हो रहा है और कांग्रेस पार्टी ध्यान नहीं दे रही है. वो 5 राज्यों के चुनाव में व्यस्त है. चुनाव परिणाम के बाद फिर से बैठक करेंगे आगे चर्चा होगी. राजनीति गलियारे में नीतीश कुमार की इस नाराजगी को उनकी निराशा और हताशा के रूप में देखा जा रहा ही.नीतीश कुमार का ये बयान तब आया है जब पांच राज्यों का चुनाव होने वाले हैं. इस चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने है और दोनों पार्टियों के लिए ये चुनाव लोकसभा चुनाव के पहले बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं.
विधान सभा चुनावों में एक तरफ जहां बीजेपी ने पूरा जोर लगा रखा है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भी कोई कोर कसार नहीं छोड़ रही है.यहाँ तक कि पांच राज्यों में उसने सहयोगी दलों की भी परवाह नहीं की है. INDIA गठबंधन की न तो कोई बैठक हो रही है और न ही कोई रैली और न ही सीटों के बंटवारे को लेकर बात आगे बढ़ पा रही है.राजनीतिक जानकार मानते हैं कि नीतीश कुमार ही नहीं, बल्कि INDIA गठबंधन में जो भी सहयोगी पार्टियां हैं, उनमें आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बेचैनी है. खासकर कांग्रेस के रुख को लेकर और अब उनकी बेचैनी भी बाहर आने लगी है.
आम आदमी पार्टी ने पहले ही पांच राज्यों के चुनाव में अपने उम्मीदवार उतार दिया है.समाजवादी पार्टी ने भी कांग्रेस से सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनने की वजह से उम्मीदवार उतार दिया है.नीतीश कुमार भी पीछे नहीं रहे.उनकी पार्टी ने भी कांग्रेस पर इशारों में गठबंधन नहीं करने का आरोप लगाकर मध्य प्रदेश में दस उम्मीदवार उतार दिया है.ऐसे में INDIA गठबंधन की एकता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
अगर कांग्रेस पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में सफल हो जाती है तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मजबूती के साथ सहयोगी दलों के सामने अपना दावा रख पाएगी. कांग्रेस लोकसभा चुनाव में एनडीए से सीधी लड़ाई की कोशिश करेगी.मतलब साफ़ है कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के दबाव में ज्यादा नहीं आयेगी.अधिकांश रीजनल पार्टियों ने कांग्रेस के वोट बैंक में ही सेंध लगा कर खासकर हिंदी बेल्ट में सत्ता हासिल की है. यही कारण है कि उतर भारत की रीजनल पार्टियों में कांग्रेस के रुख से बेचैनी ज्यादा है.
नीतीश कुमार के बयान को लेकर बीजेपी नीतीश कुमार के हताशा से जोड़ रही है. भाजपा के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ने बेंगलुरु की बैठक से ही नीतीश कुमार को तवज्जो देने कम कर दिया है. लालू प्रसाद यादव भी कई बार राहुल गांधी को दूल्हा बनाने की बात कह चुके हैं. ऐसे में नीतीश कुमार के सामने नाराजगी भर व्यक्त करने के सिवाय कोई अन्य रास्ता तो है ही नहीं. वे बेबस हैं और अपनी हताशा और निराशा अपने बयानों से लगातार जाहिर कर रहे हैं.