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संभल: बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के संभल जिले का दौरा करने का इरादा हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य हाल ही में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलना और मौजूदा स्थिति का जायजा लेना है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने 10 दिसंबर तक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि राहुल और प्रियंका इलाके में शांति और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए पीड़ितों से मिलेंगे। उनके साथ यूपी कांग्रेस के महासचिव अविनाश पांडे और अन्य पार्टी के नेता भी मौजूद रहेंगे।
संभल जिला प्रशासन ने इस दौरे को रोकने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि हिंसा के कारण यहां एक जांच आयोग गठित है, और ऐसे में किसी बाहरी नेता का आगमन शांति व्यवस्था में विघ्न डाल सकता है। प्रशासन ने पड़ोसी जिलों को भी अलर्ट पर रखा है और निर्देश दिए हैं कि नेताओं को जिले की सीमा पर ही रोक लिया जाए।
राहुल और प्रियंका को संभल जाने से रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली और गाजियाबाद बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र का उल्लंघन बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया है। अजय राय ने कहा कि प्रशासन का यह कदम लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने संसद में संभल हिंसा का मामला उठाते हुए इसे एक सोची-समझी साजिश करार दिया।
वहीं 24 नवंबर को जामा मस्जिद पर किए गए सर्वे के बाद इलाके में तनाव फैल गया था, जिसमें चार लोगों की जान गई थी। हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद को एक मंदिर तोड़कर बनाया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया था। इस घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है।