HMPV वायरस को लेकर पटना एअरपोर्ट और जंक्शन पर नहीं है कोई व्यवस्था.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : HMPV वायरस  के देश में 9 केस मिल चुके हैं. बिहार से सटे पश्चिम बंगाल में एक केस सामने आ चूका है. यहां पांच महीने के बच्चे में यह वायरस मिला है. बिहार सरकार और पटना जिला प्रशासन HMPV ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस को लेकर अलर्ट मोड में हैं.सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है. अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला पदाधिकारियों को सतर्कता बरतने और अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था करने के लिए कहा है.लेकिन बिहार में अभी तक HMPV जांच की सुविधा नहीं है. संदिग्ध सैंपल पुणे की लैब में भेजने का निर्देश दिए गए हैं. रिपोर्ट आने में 5 से 7 दिन का समय लग सकता है. RT-PCR जांच से इसे कन्फर्म किया जाता है.

बिहार में अभीतक एक भी केस नहीं मिला है.इसका ये कतई मतलब नहीं कि बिहार में यह वायरस नहीं पहुंचा है. हो सकता है संक्रमित व्यक्ति अभीतक नजर में नहीं आया हो. पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने कहा है, ‘पैनिक होने की जरूरत नहीं है. जिला प्रशासन की तैयारी पूरी है.लेकिन सच्चाई ये है  कि  एडवाइजरी जारी होने के बाद पटना एयरपोर्ट पर ‘HMPV को लेकर अथॉरिटी की ओर से अभी कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया गया है. किसी तरह की कोई एडवाइजरी भी जारी नहीं हुई है.पटना जंक्शन पर भी कोई सावधानी नहीं बरती जा रही है. रेलवे की ओर से गाइडलाइन भी नहीं जारी नहीं की गई है.

HMPV रेस्पिरेटरी वायरस है, जो सबसे पहले 2001 में नीदरलैंड में पाया गया था. इसके लक्षण कोरोना जैसा ही हैं. इसके मुख्य लक्षणों में बुखार, कफ, नसल कंजेशन (नाक जाम), गले में खरास (शोर धोट), निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, शार्टनेस आफ ब्रीथ (सांस लेने में दिक्कत) आदि है.HMPV का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने या छींकने से फैलता है. संक्रमित व्यक्ति को छूने, एंव संक्रमित वस्तुओं के मुंह, आंख अथवा नाक के संपर्क में आने से फैल सकता है.

HMPV संक्रमण से बचाव के लिए  हाथों को साबुन एवं पानी से लगातार धोना चाहिए. गंदे हाथों से आंख, नाक अथवा मुंह को नही छूना है. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना है. खांसते एवं छींकते वक्त मुंह को रूमाल से ढकना. संक्रमण की अवधि में खुद को घर में ही आइसोलेट करना है.

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