पोते ने पूरी की दादी की अंतिम इच्छा, अस्पताल में शादी के कुछ घंटों बाद हुआ दादी का निधन

Rahul
By Rahul

सिटी पोस्ट लाइव

मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच अस्पताल में एक अनोखा और भावुक दृश्य देखने को मिला, जब एक पोते ने अपनी गंभीर रूप से बीमार दादी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए अस्पताल परिसर में ही शादी कर ली। इस विवाह ने न केवल परिवार में प्रेम और समर्पण की मिसाल पेश की, बल्कि अस्पताल में मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया।

अस्पताल के शिव मंदिर में हुई शादी

मिठनपुरा निवासी गीता देवी लंबे समय से बीमार थीं और आईसीयू में भर्ती थीं। उनकी अंतिम इच्छा थी कि वे अपने पोते अभिषेक कुमार की शादी अपनी आंखों के सामने देख सकें और अपनी बहू का स्वागत कर सकें। जब डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि उनकी स्थिति बेहद नाजुक है और वे ज्यादा समय तक जीवित नहीं रहेंगी, तो परिवार ने तुरंत शादी कराने का फैसला किया।

परिवार ने दुल्हन के परिवार से संपर्क किया और अस्पताल में ही विवाह की तैयारियां शुरू कर दीं। अस्पताल परिसर में स्थित शिव मंदिर में अभिषेक और उनकी दुल्हन ने शादी की रस्में पूरी कीं। इस मौके पर परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और अस्पताल के कर्मचारी भी मौजूद थे। शादी की खबर सुनकर अस्पताल में मौजूद अन्य मरीजों और उनके परिजनों की भीड़ भी वहां जुट गई।

आशीर्वाद देने के बाद दादी का निधन

शादी संपन्न होने के तुरंत बाद नवविवाहित जोड़ा आईसीयू में भर्ती गीता देवी से आशीर्वाद लेने पहुंचा। उन्होंने पोते और नई बहू को आशीर्वाद दिया और अपनी खुशी जाहिर की। लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई। शादी के मात्र दो घंटे बाद ही गीता देवी का निधन हो गया। यह पल जितना खुशी भरा था, उतना ही गमगीन भी रहा।

परिजनों के अनुसार, गीता देवी की आंखों में संतोष और खुशी झलक रही थी कि वे अपने पोते की शादी देख सकीं। यह क्षण पूरे परिवार के लिए बेहद भावनात्मक था, जहां खुशी और गम का अनोखा मिश्रण देखने को मिला। अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों, मरीजों और उनके परिजनों ने भी इस अनोखी शादी को देखकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

शादी पहले से तय थी, दादी की हालत देख बदला फैसला

अभिषेक और उनकी दुल्हन, दोनों मिठनपुरा के रहने वाले हैं। पहले से ही दोनों परिवारों के बीच विवाह तय था और अप्रैल में शादी की तारीख निर्धारित थी, लेकिन गीता देवी की गंभीर स्थिति को देखते हुए परिवार ने तुरंत शादी कराने का निर्णय लिया।

यह घटना न केवल परिवार के प्रति प्रेम और सम्मान को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि किसी प्रियजन की अंतिम इच्छा पूरी करना कितना महत्वपूर्ण होता है। अभिषेक कुमार का यह कदम हर किसी के लिए एक प्रेरणा है, जो दर्शाता है कि रिश्तों में भावनाओं की अहमियत सबसे ऊपर होती है।

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