सिटी पोस्ट लाइव
पटना: बीपीएससी री-एग्जाम की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में ताजा मोड़ आया है। जनसुराज के कार्यकर्ताओं ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर दावा किया कि बिहार सरकार, विशेष रूप से प्रशांत किशोर के खिलाफ साजिश रच रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग पूरी नहीं होती, तब तक प्रशांत किशोर का आमरण अनशन जारी रहेगा।
जनसुराज के कार्यकर्ताओं ने बेऊर जेल से जुड़े विवाद पर भी सवाल उठाए। उनके अनुसार, जब प्रशांत किशोर को जेल में ले जाया गया, तो पुलिस ने उन्हें माइक थमा दिया था और अभ्यर्थियों से बात करने के लिए कहा गया था। इस दौरान प्रशांत किशोर पर एफआईआर दर्ज किया गया और कोर्ट में जाने के बाद भी, उन्हें शाम 4 से 6 बजे तक कहीं ले जाया गया, लेकिन इस बारे में किसी को जानकारी नहीं दी गई।
कार्यकर्ताओं का कहना था कि बीपीएससी आयोग ने रिपोर्ट में दावा किया कि प्रशांत किशोर मेडिकल जांच कराने से मना कर रहे थे और गिरफ्तारी के दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से भी इंकार कर रहे थे, लेकिन यह आरोप पूरी तरह से गलत है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि प्रशांत किशोर को थाने से बेल क्यों नहीं दी गई। कार्यकर्ताओं ने यह सवाल भी उठाया कि अगर यह सब प्रशांत किशोर के साथ हो सकता है, तो राज्य के किसी भी नागरिक के साथ भी कुछ भी हो सकता है। राम बली ने आरोप लगाया कि सरकार बीपीएससी के मामले पर चुप्पी साधे हुए है और विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने भी छात्रों के समर्थन नहीं कर रहें है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर तब तक अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे, जब तक सरकार अभ्यर्थियों की मांगों को पूरा नहीं करती।
इस बीच, प्रशांत किशोर की तबियत बिगड़ती जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी सेहत में काफी गिरावट आई है। उन्हें निमोनिया, किडनी में पत्थर और अन्य शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में, उन्हें पेट में अचानक तेज दर्द की शिकायत हुई थी, जिससे उनकी हालत और गंभीर हो गई है। प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार से अपील की है कि बीपीएससी री-एग्जाम के मुद्दे पर अभ्यर्थियों की मांगों को तुरंत पूरा किया जाए। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दोनों ही यात्रा पर निकल चुके हैं, जबकि बीपीएससी मामले को अधर में छोड़ दिया गया है।
कहा जा रहा है कि इस पूरे मामले में एक हजार करोड़ के लेन-देन का आरोप है, लेकिन सरकार जांच कराने से बच रही है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह एक बड़ा मामला है, जिसमें कई बड़े लोग शामिल हैं, और इसलिए सरकार जांच से बच रही है। वहीं बीपीएससी के छात्रों का कहना है कि परीक्षा में धांधली हुई है और वे चाहते हैं कि परीक्षा को रद्द किया जाए।