75वीं संविधान वर्षगांठ पर लिए गए पांच मुख्य संकल्प

Manisha Kumari

सिटी पोस्ट लाइव

पटना: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद और राज्य विधायिकाओं के योगदान पर चर्चा की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, विधान परिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह और विधानसभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव भी उपस्थित थे।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर इस सम्मेलन का उद्देश्य संविधान के मूल्यों को सशक्त बनाना है। इसके लिए सभी विधायिकाओं का एक साझा प्रयास किया जाएगा, ताकि देश में लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन और सशक्त किया जा सके। इस दौरान यह भी तय किया गया कि विधायिकाओं की कार्यप्रणाली को और अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाया जाएगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ओम बिरला ने बताया कि सभी विधायी संस्थाओं को एक मंच पर लाकर तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा, जिससे डिबेट और बजट से जुड़ी चर्चाएं अधिक प्रभावशाली और बेहतर हो सकें। इसके अलावा, डिबेट को डिजिटलाइज करने और विधायिका के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने का निर्णय भी लिया गया। साथ ही, उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभाओं में उत्कृष्ट रिसर्च विंग की स्थापना की जाएगी, जिससे पुराने डिबेट और चर्चाओं का संदर्भ रखते हुए नई नीतियों पर बेहतर काम किया जा सके।

इसके साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में पांच महत्वपूर्ण संकल्प भी लिए गए:

  • संविधान जन भागीदारी पर आधारित शासकीय व्यवस्था का पवित्र दस्तावेज है, जिसमें लोकतांत्रिक मूल्य और सामूहिक जन कल्याण की भावनाएं निहित हैं।
  • भारत के संविधान के अभिकरण की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय विधायी संस्थाओं के पीठासीन अधिकारियों ने संविधान के प्रति अपनी पूरी आस्था व्यक्त करते हुए संकल्प लिया कि वे संविधान में निहित मूल्यों और आदर्शों के अनुरूप अपने-अपने सदन का संचालन करेंगे।
  • विधायी संस्थाओं में बाधारहित व्यवस्थित चर्चा और परिचर्चा को सुनिश्चित करेंगे, ताकि विधायी नीतिगत मुद्दों पर जनहित में श्रेष्ठ वातावरण बन सके।
  • संविधान के मूल्यों को समाज के अलग-अलग वर्गों तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल टेक्नोलॉजी की प्रतिबद्धता, जिससे विधायी संस्थाएं भारतवासियों को अत्यंत प्रभावी और श्रेष्ठ रूप से अपनी सेवाएं दे सकें।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लोकसभा अध्यक्ष ने यह साफ किया कि संविधान के 75 वर्षों की यात्रा के बाद अब भारतीय विधायी संस्थाएं और भी सशक्त, जवाबदेह और तकनीकी दृष्टि से प्रगति के मार्ग पर चलेंगी।

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