सिटी पोस्ट लाइव : आर्थिक अपराध इकाई ने गुरुवार को पटना में बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय चयन पर्षद के दो कार्यालय पर छापेमारी की. पिछले साल 2023 में 1 अक्टूबर को पूरे बिहार में सिपाही बहाली के लिए परीक्षा हुई थी और उसी दिन पहली और दूसरी पारी में राजधानी पटना समेत कई जिलों में पेपर लीक का मामला सामने आया था. पेपर लीक कांड से राज्य सरकार की भारी फजीहत हुई थी. बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड मामले में ही ये छापेमारी की गई.
शुरुआती दौर से ही इस कांड के तार केंद्रीय चयन पपर्षद सिपाही भर्ती में काम करने वाले बड़े ओहदे के अलावा छोटे ओहदे पर काम करने वाले लोगों पर जुड़े नजर आये थे. एएसपी और डीएसपी लेवल के अफसर के नेतृत्व में न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने कार्रवाई की. आर्थिक अपराध इकाई का दावा है कि केंद्रीय चयन परषद के कार्यालय से पेपर लीक कांड से जुड़े कई अहम सबूत मिल सकते हैं. इस बात को जांच एजेंसी द्वारा कोर्ट में आधार बनाया गया और सर्च वारंट के लिए अपील की गई थी.
गुरुवार को कोर्ट से सर्च वारंट जारी हुआ और बगैर देरी किए आर्थिक अपराध इकाई की टीम एक्शन में आ गई. दोपहर में ही एक साथ दोनों ऑफिस में छापेमारी शुरू की गई जो लगातार जारी रही. छापेमारी में आर्थिक अपराध इकाई की टीम केंद्रीय चयन परिषद सिपाही भर्ती कार्यालय से डॉक्यूमेंट और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किया है. इस दौरान कई लोगों से टीम ने पूछताछ भी की. आर्थिक अपराध इकाई की इस कार्रवाई से खलबली मची हुई है. अपराध अनुसंधान विभाग के एडीजी जितेंद्र कुमार को बिहार सरकार ने बुधवार को पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त किया है.