सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में विधायकों के खरीद-फरोख्त के आरोपों की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) करेगा. आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच में इस कांड में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) का मामला सामने आया है, जिसके बाद अब ईडी से जांच की अनुशंसा की गई है. अवैध धन उगाही में इस केस से जुड़े राजद के दो नेताओं के विरुद्ध भी अवैध धन उगाही के साक्ष्य मिले हैं, जिसके बाद ईडी से पीएमएलए के प्रविधानों के तहत जांच करने का आग्रह किया गया है.
पिछले माह फरवरी में एनडीए सरकार के विश्वासमत के समय जदयू विधायक सुधांशु कुमार ने कई राजग विधायकों को मंत्री पद और दस-दस करोड़ रुपये का प्रलोभन देकर महागठबंधन के पाले में लाने का आरोप लगाते हुए पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को सौंपी थी. सूत्रों के अनुसार, अब तक की जांच में इस कांड में अवैध धन के बड़े पैमाने पर आदान-प्रदान से संबंधित साक्ष्य मिले हैं.इसमें धन का प्रलोभन देकर राज्य में चुनी हुई सरकार को अव्यवस्थित करने के लिए विधायक का अपहरण करने एवं अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रलोभन देने का भी प्रयास किया गया है.
प्रारंभिक अनुसंधान में जानकारी प्राप्त हो रही है कि विभिन्न गैर कानूनी कार्य करने वाले लोग एवं समूह अवैध रूप से अर्जित की गई धन राशि का उपयोग गैर कानूनी कार्यों में कर रहे हैं.विधायकों के खरीद-फरोख्त मामले में जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. बिहार के अलावा इसमें झारखंड और नेपाल के लोगों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है.
सूत्रों के अनुसार, राजद से जुड़े दो नेताओं के अलावा झारखंड और नेपाल के गैर कानूनी तरीके से धन अर्जित करने वाले लोग भी इस कार्य में संलिप्त हैं.इनके द्वारा इस कांड में भारी मात्रा में गैर कानूनी धन राशि का गलत इस्तेमाल अपने स्वार्थ एवं आपराधिक षड्यंत्र के तहत किया जा रहा था. चूंकि ईडी पीएमएलए मामलों की विशिष्ट एजेंसी है, इसलिए इसकी अनुशंसा की गई है.
जदयू विधायक सुधांशु कुमार ने पटना के कोतवाली थाने में 11 फरवरी को इसकी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. उन्होंने जदयू विधायक डॉ. संजीव और राजद से जुड़े ई. सुनील कुमार पर अपने सहयोगियों के माध्यम से विधायक बीमा भारती और दिलीप राय को डरा-धमकाकर अपहरण करने की शिकायत भी दर्ज कराई थी, ताकि दोनों महागठबंधन के पक्ष में मतदान करें. इस कांड की जांच 13 फरवरी को ईओयू को सौंपी गई थी.