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पटना। भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई बिहार की राजधानी पटना से सामने आई है। पूर्व एमएलसी हुलास पांडे के तीन ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। पटना के गोला रोड स्थित उनके आवास और बोरिंग रोड इलाके में उनके कार्यालय के अलावा बेंगलुरु स्थित एक अन्य ठिकाने पर भी छापेमारी जारी है। यह छापेमारी बालू के अवैध खनन के मामले में की जा रही है, जो ब्रॉडसन और आदित्य मल्टीकॉम कंपनी से जुड़ा हुआ है। इस मामले में पहले ही जदयू के पूर्व एमएलसी राधा सेठ और राजद के सुभाष यादव पर बड़ी कार्रवाई हो चुकी है।
हुलास पांडे एक प्रभावशाली नेता हैं, जिनके ठिकानों पर ईडी की छापेमारी को बड़ी कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। वह बिहार से एमएलसी रह चुके हैं और वर्तमान में लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (एलजेपीआर) के नेता हैं। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान के करीबी सहयोगी माने जाते हैं और बिहार के प्रमुख बाहुबली नेताओं में उनकी गिनती होती है। हुलास पांडे का नाम रणवीर सेना के प्रमुख ब्रम्हेश्वर मुखिया हत्या मामले में भी आया था, जिसमें पुलिस की चार्जशीट में उन्हें मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर पेश किया गया था।
हुलास पांडे पूर्व जदयू विधायक सुनील पांडे के भाई हैं, जिनके बेटे विशाल प्रशांत ने हाल ही में बिहार विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी। इस जीत में हुलास पांडे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके भाई सुनील पांडे पहले रालोजपा में थे, लेकिन उपचुनाव से पहले वे बीजेपी में शामिल हो गए थे। हुलास पांडे की राजनीतिक दुनिया में अच्छी खासी पैठ है, और वे एनडीए के बड़े नेताओं से अच्छे रिश्ते रखते हैं। वर्तमान में, पूर्व विधान पार्षद के तीनों ठिकानों पर ईडी की छापेमारी कड़ी सुरक्षा के बीच जारी है। इस छापेमारी में क्या बरामदगी हुई है, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।