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1अक्टूबर से पटना में डीजल वाली सिटी बसें होंगी बंद.

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सिटी पोस्ट लाइव : पटना वायु प्रदूषण में दिल्ली से भी आगे है.अब राज्य सरकार ने वायू प्रदुषण पर नियंत्रण के लिए डीजल वाहनों को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है. पटना में 30 सितंबर के बाद डीजल से चलने वालीं 200 सिटी बसें बंद हो जाएंगी.ये बसें अगर 1 अक्टूबर से सड़कों पर दिखीं तो जुर्माने के साथ इन्हें जब्त भी किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसके बाद 5000 डीजल चालित स्कूली बसों और वैन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.

 

पटना के डीटीओ श्रीप्रकाश ने जिले के सभी स्कूल संचालकों से डीजल बसों को सीएनजी में कर्न्वट करने को कहा है. पटना के बाद गया और मुजफ्फरपुर में भी डीजल वाली स्कूली बसों प्रतिबंधित की जाएंगी.डीजल बस की जगह नई सीएनजी बस खरीदने पर बिहार स्वच्छ ईंधन (सिटी बस प्रोत्साहन) योजना 2023 के तहत 30% या अिधकतम 7.50 लाख का अनुदान मिलेगा.डीजल बस के मुकाबले सीएनजी बस कार्बन से संबधित गैसों का 30-35 प्रतिशत तक कम उत्सर्जन करती है. एक लीटर डीजल में बस 5.5 किमी चलती है जबकि एक किलो सीएनजी से बस 7.5 से 8 किमी चलेगी.

 

राज्य कैबिनेट ने 2019 में ही निर्णय लिया था कि पटना नगर निगम क्षेत्र के साथ ही दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ में 31 जनवरी 2020 से डीजल वाली गाड़ियां नहीं चलेंगी. बाद में समय सीमा 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाई थी. अब 30 सितंबर नई तारीख दी गई है.प्रदूषण नियंत्रण विशेषज्ञ रविरंजन सिन्हा के मुताबिक एक लीटर डीजल में 720 ग्राम कार्बन होता है. इसके जलने से लगभग 2.6391 किग्रा कार्बन मोनो ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है.गया और मुजफ्फरपुर में भी 15 साल से अधिक पुराने डीजल वाले ऑटो के साथ व्यावसायिक तीन पहिया वाहन 1 अक्टूबर से प्रतिबंधित होंगे. सीएनजी चालित ऑटो को बढ़ावा दिया जाएगा.

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