2024 में फैलीं ये घातक बीमारियाँ, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

Manshi Sah

सिटी पोस्ट लाइव

2024 में जब देश और दुनिया ने नए साल का स्वागत किया, तो लोगों के मन में अनेक सवाल थे। कोविड-19 की महामारी से उबरने के बाद, लोग हर नई बीमारी से डरने लगे थे। यह डर तब और बढ़ गया जब कुछ नई, घातक बीमारियाँ सामने आईं। इनमें से कई बीमारियाँ तो इतनी संक्रामक नहीं थीं, लेकिन फिर भी इन्हें लेकर भय बना रहा। चांदीपुरा वायरस, निपाह वायरस और ब्रेन ईटिंग अमीबा ने भारत में काफी दहशत फैलाई।

कोविड के बाद लोग स्वास्थ्य के प्रति और भी सतर्क हो गए हैं। सरकारें और स्वास्थ्य विभाग भी अब पहले से अधिक सावधानी बरत रहे हैं, और यही कारण है कि इन बीमारियों का असर कुछ हद तक कम हुआ है। हालांकि, ये बीमारियाँ अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुईं और किसी भी वक्त फिर से हमले कर सकती हैं। इसलिए, जरूरी है कि हम इनके लक्षणों और बचाव के तरीकों को जानें।

इन 6 बीमारियों में से 4 वायरस द्वारा फैली थीं, जिनमें सबसे ज्यादा चर्चा चांदीपुरा वायरस की रही।

1. चांदीपुरा वायरस: 

यह वायरस आमतौर पर 9 महीने से 14 साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है और इसके संक्रमण से तेज बुखार, उल्टी, दस्त और सिरदर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं। यह बीमारी सैंड फ्लाई, टिक या मच्छरों द्वारा फैलती है। इस बीमारी का कोई खास इलाज या टीका उपलब्ध नहीं है।

बचाव के उपाय:

  • हाइजीन बनाए रखें।
  • मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • पूरी बांह के कपड़े पहनें।

2. निपाह वायरस:

यह एक जूनोटिक वायरस है, जो इंसानों और जानवरों दोनों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण 4 से 14 दिन के अंदर दिखते हैं और शुरुआत बुखार और सिरदर्द से होती है।

बचाव के उपाय:

  • हाथों को बार-बार धोएं।
  • संक्रमित सुअरों या चमगादड़ों से बचें।

3. मंकीपॉक्स: 

यह वायरस चेचक की तरह एक बीमारी है, जिसमें बुखार और चकत्ते जैसी समस्याएँ होती हैं।

बचाव के उपाय:

  • संक्रमित जानवरों से दूर रहें।
  • संक्रमित वस्तुओं से बचें।

4. ओरोपोच वायरस:

यह वायरस मच्छरों या मिज़ के काटने से फैलता है और इसमें सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और बुखार जैसे लक्षण होते हैं।

बचाव के उपाय:

  • कीट विकर्षक का उपयोग करें।
  • मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें।

5.ब्रेन ईटिंग अमीबा (नेगलेरिया फाउलेरी): 

यह अमीबा संक्रमित पानी से फैलता है और मस्तिष्क में प्रवेश कर जाता है, जिससे ब्रेन सेल्स को नुकसान होता है।

बचाव के उपाय:

  • बिना नोजप्लग के पानी में न तैरें।
  • डिस्टिल्ड पानी का उपयोग करें।

6.फ्लेश ईटिंग बैक्टीरिया (STSS):

यह एक गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो मांसपेशियों को खाने लगता है और शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाता है।

बचाव के उपाय:

  • कट या चोट पर तुरंत इलाज करवाएं।
  • हाइजीन बनाए रखें।

इन सभी बीमारियों से बचने के लिए हमें सतर्क रहना होगा और इन्हें फैलने से रोकने के लिए उचित उपायों को अपनाना होगा।

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