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पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा संगठनात्मक बदलाव किया है। पार्टी ने बिहार और झारखंड के प्रभारियों को बदल दिया है। 5 फरवरी को दिल्ली में हुए चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। जिस वज़ह से पार्टी में बदलाव की जरूरत महसूस की गई। पार्टी ने बिहार कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश को हटाकर उनकी जगह कृष्णा अल्लावरु को नई जिम्मेदारी सौंपी है। 2023 में मोहन प्रकाश को बिहार का प्रभारी बनाया गया था, लेकिन अब कांग्रेस ने चुनावी रणनीति को धार देने के लिए यह अहम फैसला लिया है।

कांग्रेस पार्टी ने बिहार के नए प्रभारी के रूप में कृष्णा अल्लावरु को नियुक्त किया है। शुक्रवार देर रात जारी एक आधिकारिक पत्र में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस बदलाव की घोषणा की। इसी के साथ झारखंड कांग्रेस के प्रभारी के रूप में के. राजू को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कृष्णा अल्लावरु वर्तमान में युवा कांग्रेस के प्रभारी के तौर पर कार्यरत हैं और उन्हें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी रणनीतिकारों में गिना जाता है। वह बिहार में मोहन प्रकाश की जगह लेंगे, जो अब तक इस पद पर कार्यरत थे।

मोहन प्रकाश पिछले एक वर्ष से अधिक समय तक बिहार कांग्रेस के प्रभारी के रूप में कार्यरत रहे। उनके नेतृत्व में कांग्रेस लोकसभा चुनाव में बिहार से तीन सीटें जीतने में सफल रही। हालांकि, विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने अब नए चेहरे पर दांव खेलने का फैसला लिया है। हाल के चुनावों में कांग्रेस को लगातार झटके लगे हैं। महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में पार्टी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। खासतौर पर दिल्ली में मिली करारी शिकस्त के बाद पार्टी में संगठनात्मक बदलाव को लेकर कई बैठकें हुईं। हरियाणा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पास बेहतर स्थिति थी, लेकिन आंतरिक कलह के कारण पार्टी जीत के करीब आकर भी पीछे रह गई। ऐसे में पार्टी के नेतृत्व ने बड़े स्तर पर फेरबदल करने का फैसला लिया गया।

कृष्णा अल्लावरु मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं और उन्हें कांग्रेस संगठन को मजबूत करने का लंबा अनुभव है। उन्हें एक कुशल रणनीतिकार माना जाता है, जो संगठन को मजबूती देने के लिए लगातार काम करते रहे हैं। इससे पहले वे युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय पद पर भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। कांग्रेस का यह कदम बिहार में पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने और 2025 के विधानसभा चुनाव में मजबूती से उतरने की दिशा में देखा जा रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कृष्णा अल्लावरु अपनी रणनीति से बिहार कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचा पाते हैं।