अडानी प्रकरण और मणिपुर हिंसा के विरोध में कांग्रेसियों ने किया राजभवन मार्च

Rahul K
By Rahul K

सिटी पोस्ट लाइव
रांची ।
बुधवार को अडानी एवं उनके सहयोगियों को बचाने और मणिपुर में जारी हिंसा की अनदेखी करने के विरोध में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार झारखंड प्रदेश कांग्रेस द्वारा आयोजित देशव्यापी राज भवन मार्च झारखंड में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के नेतृत्व में शहीद स्थल से राज भवन तक किया गया जहां मार्च सभा में परिवर्तित हो गया।
सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि केंद्र सरकार अडानी और मणिपुर मामले पर पूरी तरह मौन है। हमारे नेता सदन में दोनों मामलों को लगातार उठा रहे हैं।

मणिपुर में शांति बहाली की मांग कांग्रेस द्वारा लगातार जारी है लेकिन मोदी जी चुप हैं अडानी और उनके सहयोगीयो के जालसाजी का पर्दाफाश हुआ है, रिश्वतखोरी का खुलासा हुआ है लेकिन आज तक इस मामले पर जनता के सामने केंद्र सरकार ने सफाई देने की भी जरूरत महसूस नहीं की। जिस तरह से मणिपुर जल रहा है,लगातार हिंसा हो रही है,कर्फ्यू लगा हुआ है लेकिन आज तक प्रधानमंत्री वहां नहीं गए दोनों मुद्दे पर प्रधानमंत्री मौन है वहां के मुख्यमंत्री भी इस मामले में फिसड्डी साबित हुए हैं लेकिन प्रधानमंत्री उन्हें हटाने की बजाय उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। लगता है मोदी जी मणिपुर को भारत का अंग नहीं मानते तभी इस मामले पर पूरी तरह खामोशी की चादर ओढ़े हुए हैं।

कांग्रेस विधायक दल नेता प्रदीप यादव ने कहा कि यह जनता की आवाज है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री उनके सवालों का जवाब दें। पिछले 1वर्ष में अमित शाह दर्जनों बार झारखंड आ चुके हैं लेकिन मणिपुर जो वर्षों से जल रहा है हत्याएं, बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं, संवैधानिक मूल्यों की हत्या हो रही है लेकिन गृह मंत्री को वहां जाने का वक्त नहीं मिल रहा है, प्रधानमंत्री के मुंह पर ताला है।पूरे विश्व का दौरा प्रधानमंत्री कर रहे हैं लेकिन मणिपुर नजर नहीं आ रहा है। इस लोकतंत्र की यह बड़ी घटना है। अडानी प्रकरण पूरी तरह जनता के सामने है लेकिन अडानी को बचाने के लिए मोदी जी भारत की प्रतिष्ठा को विश्व के सामने धूमिल कर रहे हैं।

कांग्रेस विधायक दल के उप नेता राजेश कच्छप ने कहा कि मोदी जी शायद यह भूल गए हैं कि संविधान ने ही यह ताकत प्रदान की है की चाय बेचते बेचते मोदी जी आज प्रधानमंत्री बन पाए। अगर अडानी को बचाने मोदी जी निकलेंगे तो जनता उन्हें गाड़ी से उतार देगी। राहुल गांधी के नेतृत्व में हमें खुद को मजबूत करना है यकीनन कांग्रेस के नेतृत्व में मणिपुर जैसी घटना नहीं होगी। अगर हम संजिदगी के साथ नहीं रहेंगे तो देश में पूंजीपतियों का राज आ जाएगा और ऐसे ही पूंजीपतियों से 200 वर्षों तक लड़कर हमने आजादी हासिल की थी।

वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि यदि कोई राजनीतिक दल या व्यक्ति अंबेडकर जी का अपमान करता है तो यह एक व्यक्ति का अपमान नहीं पूरे हिंदुस्तान का अपमान है और ऐसा दल जो हिंदुस्तान का अपमान करें किसी लोकतांत्रिक व्यवस्था का राजनीतिक दल हो ही नहीं सकता। भारत मे अगर ऐसा कोई दल है तो वह है भाजपा। संविधान के माध्यम से देश में आर्थिक और सामाजिक समानता की जो कल्पना की गई थी वह समाप्त हो रहा है। कांग्रेस मोदी जी के कुकृत्यों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि जनता ने साफ मन बना लिया है कि मोदी सरकार को कुर्सी से उतारना है। अगर भारत में बाबा साहब का रचित संविधान नहीं होता तो आज अल्पसंख्यक,आदिवासी,पिछड़े हाशिये पर होते। देश के हर नागरिक को संविधान ने अधिकार दिया है और इस संविधान के जनक बाबा साहब को भाजपा अपमानित करने पर तुली है। अडानी के इशारे पर देश चल रहा है लेकिन देश संविधान से चलेगा मोदी के कानून से नहीं।मणिपुर की अनदेखी कर मोदी जी देश की सीमाओं को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।

कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाने के लिए तरह-तरह की चीजों को परोसा जा रहा है संविधान खतरे में है यह सिर्फ बातों में नहीं है यह साफ दिख रहा है। संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी जिन पर है वह सदन में स्पीकर के ओहदे पर बैठकर आर एस एस का गुणगान करते हैं।भाजपा के लोग कहते हैं कि यहां बहुसंख्यकों का चलेगा अल्पसंख्यकों का नहीं,समाज तोड़ने की बात करते हैं। पहले छुप-छुप पर कर वार करते थे अब खुलेआम संविधान के खिलाफ बोलते हैं। यह आंदोलन भारत की एकता को तोड़ने वाली ताकतों के खिलाफ है।

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से संविधान और बाबा साहब का अपमान सदन में भाजपा द्वारा किया गया है वह बर्दाश्त करने के लायक नहीं है। हम संघर्ष जारी रखेंगे अडानी के लूट को रोकना है,मणिपुर जैसी घटनाओं को रोकना है। अडानी से यारी और मणिपुर से गद्दारी की जा रही है,कांग्रेस यह होने नहीं देगी। संगठन के माध्यम से हम लगातार विरोध करते रहेंगे। यह देश संविधान से चलेगा मोदी और अडानी के विधान से नहीं।

राजभवन मार्च में विधायक- सुरेश बैठा, नम्नविक्सल कोन्गाडी, भूषण बाड़ा, स्वेता सिंह, रामचन्द्र सिंह, ममता देवी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार बलमुचू, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख, योगेन्द्र साव, शहजादा अनंवर, कार्यालय प्रभारी ओबीसी प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष साहु, राजन वर्मा, मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा, सतीश पॉल मुंजनी, सोनाल शांति, रमा खलखो, सुलतान अहमद, भीम कुमार, अशोक चौधरी, जयशंकर पाठक, राजीव रंजन प्रसाद, रवीन्द्र सिंह, डॉ एम तौसीफ, आभा सिन्हा, शान्तनू मिश्रा, गजेन्द्र सिंह, बिनोद कुशवाहा, मनोज कुमार, मदन महतो, सत्यनारायण सिंह, जवाहर लाल महत्था, संजय मुन्नम, रामाश्रय प्रसाद, अशोक सिंह, अरूण साहु, निरंजन पासवान, जगदीश साहु, सुनील सिंह, राजकिशोर सिंह, राजकुमार यादव, हुसैन खान, मो0 सफार, छोटू सिंह, अख्तर अली, जितेन्द्र त्रिवेदी, राजू राम, संजय कुमार, वेद प्रकाश तिवारी, नरेन्द्र लाल गोपी, अजय सिंह, इन्द्रजीत सिंह, आरूषी वंदना, प्रभु मंडल, दयामनी बारला, हसनैन जैदी, अवधेश प्रजापति, सीमा सीता एक्का, नीतू देवी, समुन्दर गुप्ता, संजय कुमार, सुरजीत नागवाला, प्रदीप मंडल, उज्ज्वल तिवारी, अमन अहमद, गौरव सिंह,अग्रणी संगठन विभाग- गुंजन सिंह, अभिजीत राज, नेली नाथन, विनय उरांव, केदार पासवान, हृदयनंद यादव, पप्पु अजहर, सुरेन्द्र यादव, जिलाध्यक्ष डॉ राकेश किरण महतो, डॉ कुमार राजा, प्रमोद दूबे, संतोष सिंह, धनंजय सिंह, मुन्ना पासवान, जैश रंजन पाठक, उमेश गुप्ता, आनंद बिहारी दूबे, प्रो. उदय प्रकाश, अंबुज पांडेय, भागीरथ पासवान, चन्द्रशेखर दास, शैलेन्द्र यादव, चैतु उरांव, सुखैर भगत, विजय दूबे, औबेदुल्लाह हक अंसारी, रवि मिश्रा सहित हजारो कांग्रेस कार्यकर्तागण शामिल हुए।

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