CM ने 97 पंचायतों में 112 खेल मैदानों का किया शिलान्यास, बढ़ेंगे युवाओं के लिए खेल के अवसर

Rahul K
By Rahul K
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सिटी पोस्ट लाइव

पटना/बक्सर। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 638 करोड़ 27 लाख रुपये की लागत से 533 प्रखंडों के 5671 ग्राम पंचायतों में 6659 खेल मैदानों के निर्माण कार्य का उद्घाटन किया। इस अवसर पर जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल और संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।

राज्य सरकार का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाना और युवाओं को खेलकूद के अवसर प्रदान करना है। इसके साथ ही खेल की बुनियादी संरचनाओं को मजबूत करना भी सरकार की योजना का हिस्सा है। इस निर्माण कार्य को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजना के तहत करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने खेल मैदानों के निर्माण में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की बात की और कहा कि इन मैदानों का निर्माण उसी उद्देश्य के साथ होना चाहिए, जिसके लिए उनका निर्माण किया जा रहा है।

युवाओं के बीच खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाना और खेल प्रतियोगिताओं के अवसर प्रदान करना इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के लिए मैदानों का अभाव था, जिसके कारण कई प्रतिभाएं निखर नहीं पाती थीं। बिहार के युवाओं में खेल के प्रति काफी हुनर है, और हाल ही में कई युवा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। राज्य सरकार इन्हें एक मंच देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, और खेल मैदानों का निर्माण इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

बक्सर जिले में 97 पंचायतों में कुल 112 खेल मैदानों के निर्माण के लिए स्थान चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 83 सरकारी स्कूलों के परिसर में, 28 अन्य सरकारी भूमि पर और 1 अभियंत्रण कॉलेज में मैदान बनाए जाएंगे। इन खेल मैदानों का निर्माण 1035.37 लाख रुपये की अनुमानित राशि से किया जाएगा।

खेल मैदानों को तीन प्रकार की भूमि पर विकसित किया जाएगा। एक एकड़ से कम भूमि पर बास्केटबॉल, बैडमिंटन, वॉलीबॉल और रनिंग ट्रैक बनाए जाएंगे। एक से डेढ़ एकड़ और चार एकड़ तक की भूमि पर बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, रनिंग ट्रैक, खो-खो, ऊंची कूद, लंबी कूद, और स्टोर रूम की व्यवस्था की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल जीवन का अनिवार्य हिस्सा है और बच्चों का सर्वांगीण विकास खेल के माध्यम से ही संभव है। खेल मैदानों के विकास से बच्चों को एक अच्छा वातावरण मिलेगा, जहां वे अपनी प्रतिभा को निखार सकते हैं। गांवों से निकलकर ये प्रतिभाएं देश का नाम रोशन करती हैं।

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