जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू यादव पर चलेगा केस.
गृह मंत्रालय ने CBI को दी मंजूरी, पहलीबार तेजप्रताप यादव का इस मामले में आया है नाम.
सिटी पोस्ट लाइव : लालू यादव और उनके परिवार का रिश्ता केस मुकदमे के साथ चोली दमन जैसा है.अब रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले (Land For Job) में लालू यादव के खिलाफ गृह मंत्रालय ने मुकदमा चलाने की मंजूरी सीबीआई (CBI) को दे दी है. सीबीआई की चार्जशीट पर गृह मंत्रालय ने ये फैसला लिया है. सूत्रों के अनुसार इस मामले में दुसरे आरोपितों पर भी मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने के लिए सीबीआई अब सक्रिय हुई है. दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को इस प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दे दिया है.
जमीन के बदले नौकरी मामले में ही 30 से अधिक अन्य आरोपित हैं जिनके लिए अभियोजन की मंजूरी का इंतजार है. सीबीआई ने अन्य आरोपितों के खिलाफ भी मुकदमे की मंजूरी प्राप्त करने के लिए 15 दिनों का समय मांगा है. अदालत ने सीबीआई को इस मामले से जुड़े अन्य आरोपितों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है. इस मामले की सुनवाई अब 15 अक्टूबर को होगी. दो दिन पहले इसी मामले में ईडी के द्वारा दायर पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली की राउंज एवेन्यू कोर्ट ने ही लालू यादव व उनके दोनो बेटे तेजस्वी व तेजप्रताप यादव समेत कुल आठ लोगों को समन भेजा है. तेजप्रताप यादव का नाम इस मामले में पहली बार आया है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत होने का दावा किया है. ईडी की चार्जशीट पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अब इन आठ लोगों को सात अक्टूबर को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है.
ईडी के भी पूरक आरोप पत्र के आधार पर अदालत ने मान लिया है कि अब उनके पास मुकदमा चलाने लायक पर्याप्त सबू हैं. कोर्ट ने इसका जिक्र करते हुए कहा है कि उनके पास अब पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. लालू यादव पर 2004-2009 के बीच रेल मंत्री होते हुए रेलवे की नौकरियों के बदले जमीन लेने का आरोप है. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई की जांच शुरू होने के बाद ईडी की भी इसमें एंट्री हुई है और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने अपनी जांच की है. लालू यादव व तेजस्वी यादव से ईडी के पटना स्थित दफ्तर में लंबी पूछताछ भी हो चुकी है.
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