सिटी पोस्ट लाइव : बीजेपी-जेडीयू के नेता बेसब्री से मंत्रिमंडल विस्तार का इंतज़ार कर रहे हैं.नेताओं के पिछले काफी समय बिहार में एक सवाल काफी सुर्खियों में है.12 फ़रवरी को ही नीतीश सरकार ने विश्वासमत हाशिल कर लिया था.लेकिन विश्वासमत के दौरान जिस तरह से उनकी पार्टी के विधायकों ने खेला कर दिया नीतीश कुमार ने मंत्रिम्नादल विस्तार को ठन्डे बसते में डाल दिया. बिहार में कैबिनेट का विस्तार (Bihar Cabinet Expansion) कब तक होगा? बार-बार इसको लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं लेकिन इसका जबाब फिरहाल किसी नेता के पास नहीं है.
नक्षत्र न्यूज़ ने 12 फरवरी को ही खुलासा कर दिया था कि मंत्रिमंडल विस्तार बहुत लम्बा खींचेगा.मंत्रिमंडल विस्तार में देर की दो वजहें हो सकती हैं.पहला विधायकों के विद्रोह का डर तो दूसरा विधान सभा भंग कर विधान सभा चुनाव लोक सभा के साथ कराने की रणनीति.सूत्रों के अनुसार शुरू से ही नीतीश कुमार मंत्रिम्नादल भंग करने के पक्ष में थे लेकिन बीजेपी तैयार नहीं हुई.आरजेडी नेता भाई बिरेन्द्र का दावा है कि अब बीजेपी लोक सभा के साथ बिहार विधान सभा चुनाव कराने के लिए तैयार हो चुकी है.भाई बिरेन्द्र के अनुसार इसीलिए मंत्रिम्नादल विस्तार को टाला जा रहा है.
नक्षत्र न्यूज़ के सूत्रों के अनुसार लोक सभा के साथ विधान सभा का चुनाव इतनी जल्दी करवा पाना संभव नहीं है.इसके लिए चुनाव आयोग को विशेष तैयारी करनी पड़ेगी.बीजेपी लोक सभा के साथ विधान सभा चुनाव करायेगी तो नीतीश कुमार बराबर बराबर सीटों पर लड़ने का दावा करेगें.अगर ऐसा हुआ तो फिर से JDU 70 से ज्यादा सीटों पर जीत सकता है.ऐसे में 20 25 में अपना CM बनाने का बीजेपी का सपना पूरा नहीं हो पायेगा.
मुख्यमंत्री सात को विदेश यात्रा पर रवाना हो रहे हैं. 11-12 मार्च तक लौटेंगे. जबतक वो लौटेगें तबतक चुनाव की घोषणा हो सकती है.चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने की वजह से उन्हें मंत्रिमंडल विस्तार को चुनाव तक टालने का मौका मिल जाएगा. भाजपा कोटे से अभी 13 और मंत्री बनाए जाने हैं. यह कयास लगया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा के कई विधायकों की किस्मत चमक सकती है.इसमें बुजुर्गों को ज्यादा वरियता देने की कवायद भी चल रही है.