सिटी पोस्ट लाइव
पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज, बिहार लोक सेवा आयोग तक मार्च करने के लिए अभ्यर्थी गर्दनीबाग से निकलकर बिहार लोकसभा युवक तक जाएंगे। इस विरोध मार्च में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने कल ही घोषणा की थी कि अगर अभ्यर्थी मार्च करेंगे, तो वह उनके साथ रहेंगे।
इस मार्च को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है। बिहार लोक सेवा आयोग के परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। अभ्यर्थियों का यह विरोध पिछले 9 दिनों से जारी है। वे लगातार बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि परीक्षा में घोटाले और धांधली के आरोपों के बाद आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं। अभ्यर्थी अब तक सत्याग्रह करके अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं, लेकिन स्थिति शांत नहीं हुई है।
प्रशांत किशोर ने विरोध का समर्थन करते हुए कहा, “अगर कोई व्यक्ति शांतिपूर्वक धरना करने आता है, तो उसे क्यों मारा गया?” उन्होंने कहा, “जब अभ्यर्थियों का मार्च निकलेगा, तो मैं भी उसमें शामिल होऊंगा, सबसे आगे खड़ा रहूंगा। मैं देखना चाहता हूं कि सरकार में कितना दम है कि कितने लोगों पर लाठी चलाती है। नीतीश कुमार यहां के राजा नहीं हैं, यहां का राजा जनता है। वह चार चाटूकार अफसरों के माध्यम से अभ्यर्थियों पर लाठी नहीं चलवा सकते, अगर चलवाए तो उनकी कुर्सी हिलती हुई दिखेगी।”
प्रशांत किशोर ने मार्च के दौरान कहा, “मैं हमेशा न्याय की आवाज़ के साथ हूं। यह लड़ाई केवल अभ्यर्थियों की नहीं, बल्कि पूरे बिहार की है। हम साथ मिलकर इसका समाधान निकालेंगे।” उन्होंने यह भी कहा, “यह सिर्फ एक परीक्षा का मुद्दा नहीं है, यह बिहार के युवाओं और उनके भविष्य का सवाल है। हम हर हाल में न्याय की लड़ाई लड़ेंगे।”
अभ्यर्थियों के इस संघर्ष में अब जनता का भी समर्थन बढ़ता जा रहा है। बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा को लेकर यह मुद्दा राज्य की राजनीतिक और सामाजिक चर्चा का एक अहम हिस्सा बन गया है।