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पटना: पूरा बिहार, पूरा देश नव वर्ष मना रहा है। पार्टी हो रही है। जश्न का माहौल है, वहीं बीपीएससी रीएग्ज़ाम की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान बुरी तरह पिटे छात्र पीएमसीएच समेत दूसरे अस्पतालों में कलप रहे हैं। इन छात्रों के पूरे शरीर पर लाठियों की मार की वजह से नीले निशान बन गए हैं। अस्पताल के बेड पर पड़े ये बच्चे कराह रहे हैं। नेता पार्टी मना रहे हैं। अफ़सर पार्टी मना रहे हैं। कोचिंग संंचालक पार्टी मना रहे हैं और इन बच्चों का नया साल अस्पताल के बेड पर मन रहा है।
सब बयान जारी कर अपनी-अपनी पार्टी में मशगूल हो गए हैं, पर बीपीएससी रीएग्ज़ाम की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे इन छात्र-छात्राओं का नया साल तीन जगहों पर मन रहा है। या तो वे पुलिस की मार और वाटर कैनन की पानी की बौछार की वजह से अस्पताल में हैं या फिर ठिठुराती ठंड में गर्दनीबाग में प्रार्थना करते और गीत गाते नज़र आ रहे हैं कि इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो ना, लेकिन इनका विश्वास इनका यकीन कमज़ोर पड़ा है। पहले इनलोगों ने अकेले मार्च निकाला, तब पिटे गए, फिर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर के कहने पर दोबारा मार्च निकाला, लेकिन फिर पिटे गए। इस बार और बुरी तरह।
प्रशांत किशोर ने भरोसा दिलाया था कि आप गांधी मैदान में हज़ारों की तादाद में जुटिए। हम छात्र संसद लगाएंगे और मार्च निकालेंगे और हम देखेंगे कि सरकार और पुलिस के पास कितनी लाठियां हैं। अगर इस बार एक भी लाठी चली, तो सरकार हिला देंगे। बीपीएससी कैंडिडेट्स को भरोसा हुआ कि प्रशांत किशोर जैसा बड़ा चेहरा हमारे साथ होगा, तो पुलिस नहीं मारेगी। हज़ारों-हज़ार छात्र-छात्राएँ गांधी मैदान पहुँच गए और मार्च निकला, लेकिन प्रशांत किशोर बीच रास्ते से चले गए और पुलिस ने इस बार इतनी बुरी तरह पीटा कि पूरा बदन नीला पड़ गया है।
बिहार लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थी आज नया साल नहीं मना रहे हैं। नए साल के दिन उन्होंने सबसे पहले राष्ट्रगान गया है। फिर भजन गा रहे हैं। गर्दनीबाग धरनास्थल पर जमे हुए हैं और यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें अभी भी भरोसा है सिस्टम पर, प्रशासन पर, सरकार पर कि उन्हें न्याय मिलेगा।
मिला वकीलों का समर्थन
इस आंदोलन में छात्राएँ भी शामिल हैं। जनवरी की कड़ाके की ठंड में भी उनका सत्याग्रह लगातार जारी है। पटना हाईकोर्ट के वकीलों ने भी इन छात्रों के समर्थन में आवाज उठाई है। वकीलों ने हर प्रकार की कानूनी सहायता देने की बात कही है। पटना हाईकोर्ट के वकीलों ने बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ हर कदम पर खड़े रहने का निर्णय लिया है। वकीलों ने कहा है कि बीपीएससी की ओर से पिछले एक दशक में कई परीक्षाओं में गड़बड़ियाँ सामने आई हैं, और हमेशा अदालत में याचिकाएँ दायर की गई हैं। छात्रों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को सरकार ने नज़रअंदाज किया है और परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं होने की बात कही है, जबकि सच्चाई कुछ और ही है। हम वकील छात्र-छात्राओं की मदद करेंगे।
अब भी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं अभ्यर्थी
नए साल के पहले दिन भी बीपीएससी अभ्यर्थियों का सत्याग्रह जारी है। 15 दिनों से गर्दनीबाग धरना स्थल पर बीपीएससी अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। छात्रों ने सरकार से उम्मीद जताई है कि सरकार सकारात्मक कदम उठाएगी और री-एग्जाम की प्रक्रिया शुरू करेगी। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है, तो अभ्यर्थियों ने रणनीति बनाकर आंदोलन को फिर तेज करने की धमकी दी है।
बोले विजय चौधरी, जाँच कराएँगे
जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने पेपर लीक के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई ठोस दस्तावेज नहीं मिला है और सरकार की ओर से इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।
राज्यपाल से मुलाकात
बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने और पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने 31 दिसंबर को राज्यपाल और मुख्य सचिव से मुलाकात की थी। छात्रों को उम्मीद है कि उनकी आवाज़ सुनी जाएगी और जल्द ही सकारात्मक परिणाम आएंगे।