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पटना। कल रात बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल में मौजूद नर्स के साथ दुर्व्यवहार और दरवाजा तोड़े जाने की घटना ने बवाल मचा दिया। मामले में अब पुलिस ने कई कोचिंग संचालकों और सत्याग्रह कर रहे अभ्यर्थियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि कोचिंग संचालकों ने अभ्यर्थियों को उकसाया और उनकी इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश की।
सीसीटीवी फुटेज
बता दें घटना के वीडियो फुटेज और सीसीटीवी कैमरों के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। वीडियो में साफ रूप से देखा जा सकता है कि कैसे अभ्यर्थी अस्पताल में घुसते हैं और वहां हंगामा करते हैं। इस दौरान, नर्सों के साथ बदसलूकी की गई और अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचने के बाद हंगामा करने वालों को भागते हुए देखा, और अब इस मामले में जांच की प्रक्रिया जारी है।
पुलिस ने संज्ञान लिया
पुलिस ने कहा कि यह एक गंभीर घटना है, जहां अभ्यर्थियों ने न केवल अस्पताल का माहौल बिगाड़ा, बल्कि चिकित्सकीय सेवाओं में भी विघ्न डाला। वहीं, कोचिंग संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने अभ्यर्थियों को इस स्थिति में उकसाया, जिससे ये घटनाएं घटित हुईं। गर्दनीबाग पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकेत दिया है। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या कोचिंग संस्थान इस प्रकार के तनावपूर्ण माहौल के लिए जिम्मेदार हैं! बीपीएससी अभ्यर्थी सच में असहाय थे या उन्हें उकसाया गया था!
पप्पू यादव का समर्थन
निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी इस संघर्ष में बीपीएससी छात्रों के समर्थन में खड़े हो गए। उन्होंने पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर आकर छात्रों का हौंसला बढ़ाया और सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। पप्पू यादव ने कहा, “अगर बीपीएससी ने अभ्यर्थियों की मांग नहीं मानी, तो हम बीपीएससी ऑफिस के बाहर भी धरना देंगे। जब आप 13,000 छात्रों का री-एग्जाम ले रहे हैं, तो फिर सभी छात्रों का क्यों नहीं?” उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ एक आयोग की बात नहीं, बल्कि चारों आयोग इस मामले में नाकाम साबित हो चुके हैं। पप्पू यादव ने यह भी कहा कि वह छात्रों के साथ पूरी तरह से खड़े हैं और उनके हक की लड़ाई लड़ेंगे।
तेजस्वी का पत्र
वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक भावनात्मक पत्र लिखते हुए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा फिर से कराने की सख्त मांग की है। उन्होंने कहा कि बिहार सत्याग्रह में अनशन पर बैठे छात्रों की तबीयत लगातार बिगड़ रही है और बीते रात वे उनसे मिले थे। तेजस्वी यादव ने गंभीर चिंता जताते हुए कहा, “अगर इन छात्रों को कुछ हो जाता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी नीतीश सरकार और बीपीएससी के अध्यक्ष की होगी।”
तेजस्वी ने पत्र में कहा, “राज्य सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और पूरे परीक्षा को रद्द करके फिर से परीक्षा करानी चाहिए। छात्रों की जान से बढ़कर कोई चीज़ नहीं है।” उनकी ये भावनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि अब केवल छात्रों की चिंता ही नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा भी प्राथमिकता होनी चाहिए।