सिटी पोस्ट लाइव : केंद्र की सरकार नीतीश कुमार के सहारे चल रही है.ऐसे में केंद्रीय बजट से बिहार को बड़ी उम्मीदें हैं. इससे पहले वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंद्रीय बजट में बिहार के लिए 58900 करोड़ के विशेष पैकेज की घोषणा हुई थी. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए एक फरवरी को आम बजट पेश होगा. बिहार सरकार ने 32 पन्नों वाला निवेदन-पत्र केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेंजा है.पत्र में आधारभूत संरचना, बाढ़ प्रबंधन, पुराने हवाईअड्डों के उन्नयन व नए की स्थापना, सौर ऊर्जा परियोजनाओं के साथ परमाणु ऊर्जा के लिए स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर हेतु आर्थिक सहायता की मांग की गई है.
बजट में केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज की मांग भी की गई है. 90 प्रतिशत केंद्रीय अनुदान वाली योजनाओं पर विशेष बल दिया गया है. बिहार में प्रति व्यक्ति आय के राष्ट्रीय औसत के बराबर होने तक जीएसडीपी के एक प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त उधारी के लिए अनुमति मांगी गई है.पिछले वर्ष जुलाई में विशेष दर्जे की मांग को ठंडे बस्ते में डालने के बावजूद केंद्रीय बजट में बिहार के लिए 58,900 करोड़ के विशेष पैकेज की घोषणा की गई थी. वह पूर्ण बजट प्रस्तुत करने का अवसर था और तीसरी बार सत्ता में वापसी करने वाले नरेंद्र मोदी के लिए जदयू का सहयोग अप्रतिम था.इस वर्ष तो बिहार में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में बिहार सरकार ने डेढ़ लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की मांग की है.
तेज विकास के लिए राज्य के बुनियादी ढांचे, जल निकासी और ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की गई है. बाढ़ नियंत्रण के लिए विशेषकर उत्तरी परिक्षेत्र के 26 जिलों में जल निकासी की सुदृढ़ व्यवस्था के साथ सुचारू आवागमन हेतु नए पुल-पुलिया का निर्माण के लिए 13,000 करोड़ के आवंटन की मांग की गई है. नेपाल सरकार की सहमति से हाई-डैम बनाने की योजना है. इससे गंडक, कोसी और कमला आदि नदियों में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ पर नियंत्रण संभव होगा.
बिहार को 10 नए केंद्रीय विद्यालयों की आवश्यकता है.अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए हाई-स्पीड गलियारों का निर्माण आवश्यक है. दरभंगा हवाईअड्डा को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने का प्रस्ताव है.पर्यटन के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजगीर और भागलपुर में भी ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा बनाए जाने का प्रस्ताव है. 50-100 मेगावाट क्षमता वाले सोलर पार्क बनाने का प्रस्ताव है.इसके लिए वर्तमान समय-सीमा को वर्ष 2028 तक बढ़ाने का आग्रह किया गया है