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पटना। बिहार में पुलिस के कार्यों में एक बड़ा बदलाव किया गया है, जो पहली बार लागू किया गया है। अब जिले के अधिकारियों द्वारा पुलिस पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी, और जिन अधिकारियों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं होगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह जिले का एसपी ही क्यों न हो।
डीजीपी विनय कुमार ने पुलिस के उच्च अधिकारियों को विभिन्न जिलों का प्रभारी नियुक्त करते हुए एक नई पहल की है। पुलिस उप-महानिरीक्षक (DIG), पुलिस महानिरीक्षक (IG) और अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) रैंक के अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है।
अब जिले के पुलिस अधिकारियों, एसपी से लेकर अन्य सभी पुलिस अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। डीजीपी ने आदेश दिया है कि जिले के प्रभारी के तौर पर पुलिस मुख्यालय के एडीजी से लेकर डीआइजी तक को नियुक्त किया गया है। यह अधिकारी हर महीने संबंधित जिले का दौरा करेंगे और वहां अपराध की स्थिति, पुलिस की कार्यशैली और अन्य जरूरी मुद्दों की समीक्षा करेंगे। इसके बाद वे डीजीपी को रिपोर्ट देंगे। जिन जिलों में कार्यप्रणाली खराब रहेगी, वहां के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
19 बिंदुओं पर की जाएगी समीक्षा
सूत्रों के अनुसार, एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन को पटना, डीआईजी हरप्रीत कौर को कैमूर और ईओयूके के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो को रोहतास का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी तरह अन्य जिलों का प्रभार भी अलग-अलग अधिकारियों को सौंपा गया है। ये आईपीएस अधिकारी अपने-अपने जिलों में जाकर थानों से लेकर जिला स्तर तक पुलिसिंग की समीक्षा करेंगे और 19 बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कर डीजीपी को देंगे। इन बिंदुओं में अपराध की स्थिति, पुलिस अधिकारियों का प्रदर्शन और अन्य पुलिसिंग मुद्दे शामिल होंगे।
कुंदन कृष्णन को पटना का प्रभारी
एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन को पटना का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। वे जिले में अत्यधिक अपराध वाले थानों की समीक्षा करेंगे, लंबित मामलों की स्थिति, टॉप-10 अपराधियों की गिरफ्तारी, नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सल विरोधी कार्यों की स्थिति और अन्य जरूरी मुद्दों की समीक्षा करेंगे। इसके आधार पर पुलिसिंग की स्थिति में सुधार लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
यह पूरी कवायद राज्य में पुलिसिंग को बेहतर बनाने और आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण लगाने के लिए की गई है।