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पटना: बिहार में चीनी वायरस एचएमपीभी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। गुजरात, महाराष्ट्र और बेंगलुरु में इसके मामले सामने आने के बाद बिहार में भी इस वायरस को लेकर तैयारी की दिशा में कदम उठाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के डीएम और अधिकारियों को कोविड-19 की तर्ज पर व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
एचएमपीभी वायरस का लक्षण कोविड-19 के समान ही है, जिसमें बुखार, खांसी, नाक का बंद होना, गले में खराश, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं शामिल हैं। इस वायरस का संक्रमण खांसने, छींकने, संक्रमित व्यक्ति को छूने, और संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आने से फैल सकता है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह ने सभी जिलों के अधिकारियों को सतर्क रहने की सलाह दी है और अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
इसके साथ ही अगर केस बढ़ते हैं तो फ्लू कॉर्नर की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। चीन के कुछ शहरों में रेस्पिरेटरी लक्षण वाले मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि देखी जा रही है, जिसे चीन ने सीजनल फ्लू माना है। भारत में भी 2024 में कई केस सामने आए थे, जिनमें कुछ मामलों में एचएमपीभी पॉजिटिव पाया गया था। एचएमपीभी संक्रमण से बचाव के उपाय कोविड-19 के समान ही हैं। हाथों को बार-बार धोना, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना, और खांसते-छींकते वक्त मुंह को ढकना सबसे प्रभावी तरीके हैं।
बिहार सरकार ने इस वायरस को लेकर सतर्कता बरतने के लिए सभी जिलों में एडवाइजरी जारी कर दी है। राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के प्रयासों के तहत, सभी जिले इस वायरस के संभावित प्रकोप से निपटने के लिए तैयार हो रहे हैं। पटना के सिविल सर्जन अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि,भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। लोग अब मास्क पहनकर बाहर निकल रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। सरकारी अधिकारियों ने भी इस पर जोर दिया है कि लोग खुद को संक्रमण से बचाने के लिए पूरी तरह से सतर्क रहें।