सिटी पोस्ट लाइव :लोक सभा चुनाव की तैयारी में सभी दल जुटे हुए हैं.इस बीच JDU को लगातार झटके लग रहे हैं.एक के बाद एक नेता साथ छोड़ते जा रहे हैं. अब जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष और चेनारी के पूर्व विधायक ललन पासवान ने पार्टी छोड़ दी है.ललन पासवान पार्टी के बड़े दलित चेहरा थे. ललन ने जदयू छोड़ने की जो वजह नीतीश कुमार का लालू यादव की पार्टी आरजेडी से गठबंधन करना बताया है.
उन्होंने आरोप लगाया है कि जब से आरजेडी के साथ गठबंधन हुआ है तब से बिहार में दलितों पर अत्याचार बढ़ा है. दरअसल ललन पासवान ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को पत्र लिखा और जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की जानकारी दी. पूर्व विधायक व जेडीयू के उपाध्यक्ष ललन पासवान ने पत्र में लिखा है कि बिहार में आतंक और गुंडा राज स्थापित करने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से नीतीश कुमार ने जब से समझौता किया है तब से दलितों पर हत्या, बलात्कार और उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ गयी हैं.
ललन ने लिखा है कि इसकी रोकथाम की दिशा में नीतीश सरकार की ओर से कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया. खबर ये भी है कि ललन पासवान जदयू में काफी दिनों से अलग-थलग थे जिसकी वजह से पार्टी से नाराज चल रहे थे और आखिरकार उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया. ललन पासवान ने बताया कि और क्या क्या वजह रही पार्टी छोड़ने की, इसके बारे में शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर पूरी जानकारी देंगे.
ललन पासवान पासवान जाति से आते हैं. सूत्र ये भी बताते हैं कि ललन पासवान जदयू से अलग होने के बाद एनडीए का दामन थाम सकते है और एनडीए में भी बीजेपी उनका अगला ठिकाना हो सकता है, जिसका इशारा वो प्रेस वार्ता में कर सकते हैं. जदयू से अलग होने पर ललन पासवान पर जदयू ने भी पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता हिमराज राम ने कहा कि ललन पासवान बेचैन रहने वाले नेता हैं. इसके पहले भी वो पार्टी बदलते रहते हैं. ये उनके लिए कोई नई बात नहीं है लेकिन उनके जाने से जदयू के सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है.