सिटी पोस्ट लाइव : आसमान से आग बरस रही है. धरती तप रही है.भीषण गर्मी में इंसान बेचैन है और कुते पागल हो गये हैं.हमेशा इंसानों के बीच रहनेवाले कुत्तों को भीषण गर्मी ने खतरनाक बना दिया है.गर्मी से बेहाल कुते लोगों को काट खा आरहे हैं. पिछले 30 दिनों में करीब 3,500 लोगों ने विभिन्न अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन ली है.आयकर गोलंबर स्थित न्यू गार्डिनर रोड में कुत्ते काटने के बाद ली जाने वाली वैक्सीन की सबसे अधिक खपत है. यहां 24 घंटे में करीब 60 और महीने में औसतन दो हजार एआरवी वैक्सीन दी गई है.
फुलवारीशरीफ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नंबर आता है. मई से जून माह के 30 दिनों में यहां 1,600 लोगों को एआरवी लगाई गई.मनेर पीएचसी में हर माह करीब 1230, दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब 700, धनरुआ में 400 वाइल की खपत हुई. गंभीर जख्म होने पर पांच और हल्के में प्रति व्यक्ति को तीन डोज एआरवी की दी जाती हैं.एआरवी की खपत के आकलन के अनुसार गत 30 दिन में 3500 से अधिक लोग कुत्तो के गुस्से के शिकार हो चुके हैं.
जिले में सिर्फ सिविल सर्जन के अधीन आने वाले अस्पतालों में 24 लाख 23 हजार 496 रुपये की एआरवी खर्च होती है. पीएमसीएच, न्यू गार्डिनर, एलएनजेपी, आइजीआइएमएस, एम्स, एनएमसीएच व गुरु गोविंद सिंह अस्पताल का खर्च इसमें शामिल नहीं है.न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि तेज धूप और गर्मी किसी भी जानवर को चिड़चिड़ा व आक्रामक बना देती है. गलियों में घूमने वाले कुत्तों को आजकल शहर से लेकर गांवों तक में गर्मी से बचने के लिए न तो छांव मिल पाती है और न ही पानी.ऐसे में जब लोग उन्हें परेशान करते हैं या तेज आवाज वाली बाइक से निकलते हैं तो पहले से चिड़चिड़ाए कुत्ते उन पर हमला बोल देते हैं.
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