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पटना: दरभंगा की मेयर अंजुम आरा ने दरभंगा में प्रशासन को कहा है कि जुमा को देखते हुए होली खेलने की अनुमति साढ़े बारह बजे से ढाई बजे तक न दी जाए। अंजुम आरा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने प्रशासन को कह दिया है कि जुमे का समय तो बदल नहीं सकता, इसलिए होली को साढ़े बारह बजे से ढाई बजे तक के लिए रोक दिया जाए। इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल ने अंजुम आरा को तुरंत गिरफ़्तार कर जेल भेजने की मांग कर दी है। अब यहां सवाल यह उठने लगा है कि क्या राजद को मुस्लिम वोट खोने का डर नहीं है। राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ विधायक रणविजय साहू ने दरभंगा की मेयर को गिरफ्तार करने की मांग कर दी है। रणविजय साहू ने कहा है कि यह सब नफ़रत फैलाने के लिए किया जा रहा है और चाहे अंजुम आरा हो या कोई और जो नफ़रत फैलाने की कोशिश करे, उसकी जगह जेल में है।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ राजद ने ही दरभंगा नगर निगम की मेयर और जदयू की नेत्री अंजुम आरा के बयान पर तल्ख तेवर दिखाए हैं। अंजुम आरा की पार्टी जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने अंजुम आरा को पार्टी से निकालने की मांग कर दी है। मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि तत्काल ऐसे लोगों को दल से निकाल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर ऐसे लोगों को पार्टी से निकाल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीधे तौर पर हर धर्म की अपनी-अपनी आस्था है। नीतीश कुमार की सरकार सीधे तौर पर यह कहती है कि सामाजिक सौहार्द किसी भी परिस्थिति में बिगड़ना नहीं चाहिए।
बिहार की राजनीति की नब्ज़ समझने वाले विश्लेषकों की मानें, तो बिहार की राजनीति में यह नया है कि राजद किसी महिला मुस्लिम नेता को जेल भेजने की मांग कर दे, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। अब मुस्लिम वोटों से ज़्यादा आरजेडी को अपने हिन्दू वोट बैंक को संभालने की चिंता है। यही वजह है कि राजद नहीं चाहता कि किसी तरह का तनाव हो। ध्रुवीकरण हो। क्योंकि अगर ऐसा हुआ, तो मुस्लिम वोट में एआईएमआईएम सेंधमारी कर लेगा और हिन्दू मतदाता एनडीए के पक्ष में गोलबंद हो जाएंगे। यही वजह है कि राजद के युवराज तेजस्वी यादव बाबा बागेश्वर का नाम सुनते ही हाथ जोड़ ले रहे हैं। अपने नेताओं को सख्त आदेश दे रहे हैं कि बाबा बागेश्वर के खिलाफ कोई न बोले और आज राजद नेता मांग कर रहे हैं कि अंजुम आरा को जेल भेज दिया जाए। तो राजद की राजनीति में यह दुविधा साफ दिख रही है।