आरा के 45 हजार प्लॉट का लोकेशन अब हिंद महासागर में, क्या है इस गड़बड़ी का कारण?

Manisha Kumari

सिटी पोस्ट लाइव

आरा: बिहार के भोजपुर जिले के आरा शहर के 14 प्रखंडों में 45 हजार प्लॉट हिंद महासागर में दिखाई दे रहे हैं, जिससे यहां के जमीन मालिकों में घबराहट फैल गई है। खासकर किसान परेशान हैं। यह गड़बड़ी डिजिटल क्रॉप सर्वे के दौरान कृषि विभाग के डीसीएस ऐप में सामने आई है। भोजपुर जिले के खेतों में चल रहे इस सर्वे में, पीरो प्रखंड के दौरान एक खेत के प्लॉट का सत्यापन करते वक्त यह पाया गया कि उस प्लॉट की लोकेशन हिंद महासागर में, श्रीलंका के पास दर्शाई गई थी। इसी तरह जगदीशपुर प्रखंड के बिचला जंगल महाल पंचायत के तेंदुनी गांव में भी एक प्लॉट की लोकेशन ओशिन में दिखाई दी।

इस गड़बड़ी का कारण अक्षांश और देशांतर में तकनीकी खराबी बताया जा रहा है। जिला भूमि संरक्षण विभाग प्लॉट के डिजिटल सर्वे का डेटा विभागीय साइट पर अपलोड कर रहा है। जिन प्लॉटों के अक्षांश और देशांतर में गड़बड़ी आई है, उन्हें अपलोड नहीं किया जा सका है। दरअसल, ऐप में दिए गए कुछ मौजा और खेसरा नंबर वास्तविक स्थान से मेल नहीं खाते, जिसके कारण वे सीधे हिंद महासागर में दिखाई दे रहे हैं।

यह डिजिटल क्रॉप सर्वे 20 दिसंबर से शुरू हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों के भूमि के बारे में सही वैज्ञानिक डेटा जुटाना है ताकि वे सरकारी योजनाओं का सही तरीके से लाभ उठा सकें। कृषि विभाग ने 31 जनवरी तक 10 लाख प्लॉट का सर्वे पूरा करने का लक्ष्य रखा है। अब तक 24 जनवरी तक 95 हजार प्लॉट का डिजिटल सर्वे हो चुका है, जिसमें से 45 हजार प्लॉट में अक्षांश और देशांतर में गड़बड़ी पाई गई है। यह सर्वे निर्धारित करेगा कि इन प्लॉटों पर रबी या खरीफ की फसल हो रही है।

जिला कृषि पदाधिकारी शत्रुघ्न साहू ने कहा कि डिजिटल सर्वे सभी प्रखंडों में किया जा रहा है, जिसमें कृषि सलाहकार, समन्वयक और अन्य कर्मियों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि सॉफ़्टवेयर में हुई गड़बड़ी के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है, लेकिन इसमें कोई तकनीकी दिक्कत नहीं है। इसके समाधान पर विभाग की टीम काम कर रही है, और जैसे ही समस्या हल होगी, सर्वे फिर से जारी किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यदि वे ऐप को फिर से रिफ्रेश करेंगे तो संभवतः सभी डेटा सही मिल सकते हैं।

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