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पटना: आज बिहार के 42वें राज्यपाल के रूप में आरिफ मोहम्मद खान ने शपथ ली। उन्हें पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कृष्ण विनोद चंद्रन ने शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों डिप्टी CM, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और अन्य प्रमुख नेता भी उपस्थित रहे। साथ ही, राज्यपाल के 50 साल पुराने मित्र भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
शपथ लेने के बाद, आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि बिहार का इतिहास बहुत ही गौरवपूर्ण रहा है और यहाँ के लोगों में अपार क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह बिहार की संस्कृति और गौरव के अनुरूप काम करेंगे। लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि उनका इन सभी नेताओं से 1975 से संबंध रहा है और बिहार आकर मिलना उनकी जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने यह भी कहा कि हर मुद्दे को राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए।
आरिफ मोहम्मद खान उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से हैं। अपने विवादित बयानों के लिए प्रसिद्ध रहे खान का बिहार के राज्यपाल के रूप में चयन भाजपा की एक समीचीन रणनीति का हिस्सा है। खान ने पहले कांग्रेस और बसपा में काम किया, फिर 2004 में भा.ज.पा. में शामिल हो गए थे। बिहार के पूर्व राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को केरल भेजा गया है। आरिफ मोहम्मद खान के रूप में बिहार को 26 वर्षों के बाद एक मुस्लिम राज्यपाल मिला है। इससे पहले, ए.आर. किदवई 1998 तक बिहार के राज्यपाल थे।
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