सिटी पोस्ट लाइव : जेल से रिहाई होने के बाद से ही आनंद मोहन लगातार राज्य भर का दौरा कर रहे हैं. 14 साल जेल में रहने के वावजूद उनका प्रभाव कम नहीं हुआ है, ये दिखाने के लिए वो पटना में शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं. 19 नवंबर को पटना में महाराणा प्रताप के शौर्य सम्मान समारोह का आयोजन करने जा रहे हैं.उनका दावा है कि इस समारोह में उनके लाखों समर्थक शामिल होगें.आनंद मोहन पुरे बिहार में घूम घूमकर इस समारोह में आने के लिए लोगों को न्यौता दे रहे हैं.
आनंद मोहन ने कहा कि अकबर का सेनापति मानसिंह था? तो महाराणा प्रताप का सेनापति हकीम खान सूरी थे. वो जब निकले सहजास में, महलों को त्याग करके तमाम लोहार जातियों ने कुम्भलगढ़ जिला छोड़ दिया. सभी लोग महाराणा प्रताप के साथ जंगलों में निकल पड़े.उन्होंने ही तलवार बर्छी और ठाल बनाकर के महाराणा को दिया.चितौड़ गढ़ में एक तरफ राजपूत की तस्वीर है तो दूसरी तरफ भील की तस्वीर है. इसलिए हम उसी महापुरुष को चुना जिसने कभी जात-पात धर्म का मजहब नहीं देखी.
आनंद मोहन ने कहा कि हमारी छतरी के नीचे 36 कौम के लोगों ने सुरक्षा हासिल की है. इसलिए हम कहा करते हैं कि राजपूत कभी भी संकीर्ण नहीं हुआ करता है.19 नवंबर को पटना में आनंद मोहन की होनेवाली इस रैली पर सभी राजनीतिक दलों की नजर टिकी हुई है.आनंद मोहन की दुरी लालू यादव से बढ़ गई है और वो नीतीश कुमार के ज्यादा करीब दिखाई दे रहे हैं.सूत्रों के अनुसार इस दिन आनंद मोहन अपने राजनीतिक रणनीति का खुलासा कर सकते हैं.
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