नहीं रहे आचार्य किशोर कुणाल, शोक की लहर

Manisha Kumari

सिटी पोस्ट लाइव

पटना: पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का निधन हो गया है। आज सुबह उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया, जिसके बाद उन्हें तुरंत महावीर वत्सला अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। आचार्य किशोर कुणाल महावीर मंदिर न्यास के सचिव थे और उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण कार्य हुए थे।

किशोर कुणाल की आयु 74 वर्ष थी। वे कई सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं से जुड़े रहे। आईपीएस सेवा से रिटायर होने के बाद वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए और बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, वे पटना स्थित महावीर मंदिर न्यास के सचिव भी थे।

भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ जन्म

किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को बिहार के तिरहुत क्षेत्र के एक भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गाँव से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत में स्नातक की डिग्री हासिल की। 1983 में उन्होंने मास्टर डिग्री भी प्राप्त की। उनके शिक्षकों में प्रसिद्ध इतिहासकार आरएस शर्मा और डीएन झा शामिल थे।

आईपीएस अधिकारी के रूप में करियर

किशोर कुणाल ने 1972 में गुजरात कैडर से भारतीय पुलिस सेवा में प्रवेश किया। उनकी पहली पोस्टिंग आनंद जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई। इसके बाद वे अहमदाबाद में पुलिस उपायुक्त बने। 1983 में उन्होंने पटना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के तौर पर कार्य किया। 2001 में उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा से स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया।

सामाजिक और धार्मिक कार्यों में सक्रियता

सेवानिवृत्त होने के बाद आचार्य किशोर कुणाल ने सामाजिक और धार्मिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाई। वे महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव के रूप में काफी प्रसिद्ध हुए। उनके मार्गदर्शन में महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ, जो 30 अक्टूबर 1983 को शुरू होकर 4 मार्च 1985 को पूरा हुआ। महावीर मंदिर ट्रस्ट ने महावीर कैंसर संस्थान और महावीर आरोग्य संस्थान जैसे कई बड़े स्वास्थ्य सेवा संस्थान स्थापित किए। इसके अलावा, उन्होंने महावीर नेत्रालय की स्थापना भी की, जो आंखों से संबंधित समस्याओं का समाधान करता है।

उपलब्धियां और योगदान

किशोर कुणाल का जीवन समाज के प्रति उनके योगदान और सेवा की मिसाल है। उन्होंने न केवल पुलिस सेवा में उत्कृष्टता हासिल की, बल्कि सामाजिक सेवा, स्वास्थ्य, शिक्षा और धर्म के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण काम किए। महावीर मंदिर ट्रस्ट और बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के माध्यम से उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों के लिए कई योजनाएं शुरू की, जिनका आज भी लोग लाभ उठा रहे हैं।

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