सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में सियासी दलों की निगाहें अब 12 फरवरी पर टिक गई हैं .इसी दिन एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार बिहार विधान सभा में विश्वास मत हासिल करने का प्रस्ताव रखेंगे. ये सरगर्मी तब से और तेज हो गई जब से सियासी हलचल के बीच तमाम तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि खेल अभी बाकी है. इसके बाद नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले एक नेता अशोक चौधरी ने भी बड़ा खेला करने का दावा कर दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार में खेला तो होगा, लेकिन किसके पक्ष में होगा और कब होगा, इसके लिए थोड़ा इंतजार कीजिए. ये तो समय ही बताएगा कि बिहार में क्या होने वाला है.
अशोक चौधरी ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त बहुमत है, लेकिन बहुमत के अलावा भी अभी हमारे पास जितने विधायक हैं उससे भी अधिक संख्या में विधायक हमारे साथ आएंगे, लेकिन इसके लिए भी आपको 12 फरवरी तक इंतजार करना होगा. गौरतलब है कि अशोक चौधरी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.कांग्रेस के आधा दर्जन से ज्यादा विधायक उनके संपर्क में बताये जाते हैं.इसी डर से कांग्रेस ने अपने 15 विधयाकों को हैदराबाद पहुंचा दिया है.लेकिन ये विधयक सदन के अंदर भी खेला कर सकते हैं.
अशोक चौधरी जीतन राम मांझी के नाराजगी और दो मंत्री पद मांगे जाने पर कहा कि जीतन राम मांझी जी वरिष्ठ और बड़े नेता हैं, उनकी कोई नाराजगी नहीं है. वह केवल अपनी भावना व्यक्त कर रहे हैं और हर किसी का ये अधिकार है. बीजेपी के लोग उनके संपर्क में हैं और कहीं कोई परेशानी की बात नहीं है, सब ठीक हो जाएगा. 243 सदस्यीय बिहार विधान सभा में राजद, कांग्रेस और वाम दल मिलाकर महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं. माना जा रहा है कि एआईएमआईएम और एक निर्दलीय विधायकों के समर्थन से यह 116 तक पहुंच सकता है. वहीं मांझी के चार विधायक मिल जाएं तो 120 का आंकड़ा पहुंच जाएगा. हालांकि, बहुमत की 122 की संख्या से यह अभी भी दो कम है. लेकिन कहा जा रहा है कि जदयू के कुछ विधायक विधानसभा से गैर हाजिर रहकर तेजस्वी की राह आसान कर सकते हैं. खास बात यह है कि स्पीकर राजद कोटे के अवध बिहारी चौधरी हैं.