759 आवेदनों में से 35 शिक्षकों के ट्रांसफर की लिस्ट जारी, कैंसर पीड़ितों को प्राथमिकता

16 सदस्यीय टीम 1.90 लाख आवेदन निपटाने में जुटी

Manisha Kumari
  • फेज के पेंज मे फंसा शिक्षकों का ट्रांसफर, 5 साल में होगा पूरा काम

सिटी पोस्ट लाइव

पटना: शिक्षा विभाग ने 10 जनवरी को आखिरकार 35 शिक्षकों के ट्रांसफर की पहली सूची जारी कर दी। इस प्रक्रिया में कैंसर पेशेंट्स को प्राथमिकता दी गई। कुल 759 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 7 दिनों के भीतर केवल 35 शिक्षकों के ट्रांसफर की मंजूरी दी गई। ट्रांसफर के बाद इन शिक्षकों को सात दिनों के अंदर नए स्कूल में जॉइन करना होगा, हालांकि ट्रांसफर अलाउंस नहीं मिलेगा। इसके अलावा, विभाग ने 3 नियमित शिक्षकों के आवेदन को रिजेक्ट कर दिया और 9 अन्य को विचाराधीन रख लिया।

शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए 16 सदस्यीय एक टीम बनाई गई है, जो इन 1.90 लाख आवेदन का निपटारा करेगी। हर अधिकारी को प्रतिदिन 50 फॉर्म ही स्क्रूटनी करने की क्षमता है। इस रफ्तार से, इन सभी फॉर्मों को निपटाने में लगभग साढ़े चार साल का वक्त लग सकता है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने दावा किया कि शिक्षकों का ट्रांसफर जल्दी होगा और यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। उनका कहना था कि दो महीने में TRE वाले शिक्षकों का ट्रांसफर पूरा हो जाएगा, हालांकि उन्होंने किसी निश्चित समय सीमा का उल्लेख नहीं किया।

पहली ट्रांसफर लिस्ट में पटना जिले में सबसे अधिक, 11 शिक्षकों का ट्रांसफर किया गया है। इसके बाद सीवान और वैशाली में 3-3 शिक्षकों का ट्रांसफर हुआ है। अन्य जिलों जैसे मधुबनी, गया और पूर्वी चंपारण में 2-2 शिक्षकों का ट्रांसफर हुआ है। वहीं, औरंगाबाद, भागलपुर, भोजपुर, कैमूर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया और रोहतास में एक-एक शिक्षक का ट्रांसफर किया गया है।

शिक्षा विभाग ने जो 35 नियमित शिक्षकों का ट्रांसफर किया है, वे सभी ग्रेड पे वाले हैं। ये वही शिक्षक हैं जिन्हें लालू-राबड़ी सरकार के दौरान नियुक्ति मिली थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीपीएससी और नियोजित शिक्षकों के आवेदन को रिजेक्ट कर दिया। पटना और बिहार-यूपी बॉर्डर के जिलों में ट्रांसफर के लिए सबसे ज्यादा आवेदन आए हैं। पटना के सरकारी स्कूलों में सबसे अधिक शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा बक्सर, पश्चिम चंपारण जैसे जिलों में यूपी से नियुक्त हुए शिक्षकों की भी यही प्राथमिकता रही है।

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