सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार ने 1.87 लाख शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया है. उन्हें DA, HRA जैसे कई भत्ते मिलेंगे और वेतन में भी बढ़ोतरी होगी. लेकिन अगले दो साल में रिटायर्ड होनेवाले करीब 12 हजार शिक्षकों को इस फैसले का पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा. नए नियमों के तहत उनका पुराना अनुभव शून्य माना जा रहा है, जिससे पदोन्नति मुश्किल हो गई है. शिक्षक अपने पुराने अनुभव को भी गिनने की मांग कर रहे हैं.नए नियमों के अनुसार, राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलने पर शिक्षकों का पुराना अनुभव शून्य माना जाएगा.इसका मतलब है कि जल्द रिटायर होने वाले शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पाएगा, क्योंकि पदोन्नति के लिए कम से कम 3 साल का अनुभव जरूरी है. इस वजह से ये शिक्षक बिना पदोन्नति के ही रिटायर हो जाएंगे. इसके अलावा, सेवानिवृत्ति के करीब होने के कारण उन्हें वेतन वृद्धि और दूसरे लाभ भी पूरी तरह से नहीं मिल पाएंगे.
शिक्षक पेंशन में कम कटौती को लेकर भी टेंशन में हैं. उनका मानना है कि इससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद कम पैसा मिलेगा. शिक्षक संगठन अपने पुराने अनुभव को नए पद पर भी गिनने की मांग कर रहे हैं. उनका तर्क है कि पहले प्रधानाध्यापक और आईटीआई परीक्षा में उप-प्राचार्य पदों पर नियुक्ति के दौरान अनुभव को महत्व दिया गया था. इसलिए राज्य कर्मचारी का दर्जा देते समय भी उनके अनुभव को शामिल किया जाना चाहिए. संघ का कहना है कि सरकार को शिक्षकों की मांगों पर भी ध्यान देना चाहिए. जो शिक्षक जल्द रिटायर होने वाले हैं, उनके लिए कुछ विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए ताकि उन्हें भी इस फैसले का पूरा फायदा मिल सके. लेकिन बिहार सरकार का कहना है कि सभी शिक्षकों को राज्य कर्मचारी के रूप में सभी सुविधाएं मिलेंगी.
राज्य कर्मचारी बनने के बाद शिक्षकों को DA, HRA, चिकित्सा भत्ता और शहरी परिवहन भत्ता जैसे कई भत्ते मिल रहे हैं. समय-समय पर वेतन और भत्तों में भी संशोधन होगा. हर साल बोनस और एरियर भी मिलेगा. 8 साल की सेवा के बाद पदोन्नति का मौका भी मिलेगा. DEO शिक्षकों का स्थानांतरण कर सकेंगे. पहले प्राथमिक शिक्षकों को 25,000 रुपये मूल वेतन मिलता था, साथ ही HRA, चिकित्सा भत्ता और शहरी परिवहन भत्ता भी. यह कुल मिलाकर लगभग 32,000 रुपये मिलता था.अब राज्य कर्मचारी बनने के बाद कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों का मूल वेतन 25,000 रुपये ही रहेगा, लेकिन उन्हें कुल 44,130 रुपये मिलेंगे. इसमें 42% DA (10,500 रुपये), 816 रुपये आवासीय भत्ता, 2,130 रुपये CTA, 1,000 रुपये चिकित्सा भत्ता और 3,500 रुपये पेंशन फंड शामिल हैं.